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Monday, 14 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: लेखिका: रिंकू ताई: किशोर

        


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सबकुछ सही चल रहा था की एक दिन करिश्मा के पास एक बूढी महिला अपने बेटे का फोटो लेकर आई और बताया, “ये मेरा बेटा अनिल, एक लड़की के प्यार में पागल हो गया हैं|” लड़की कितनी दुष्ट हैं ये दिखाने के लिए उस बूढी औरत ने लड़की का मुर्गा काटते हुए एक विडियो दिखाया जिसमे वो उस मुर्गे तो तडपा-तड़पा कर धीरे-धीरे काटकर मार रही थी| उस मुर्गे की गर्दन पर उस लड़की ने आठ बार चाकू चलाया और मुर्गा दर्द में तडपता हुआ मर गया| बाद में उसी मुर्गे को पकाकर उस लड़की ने खाया| करिश्मा के लिए ये थोडा अजीब था| उसके मन में ये सवाल उठा, “लडकियों को समझाना थोडा भी आसान नहीं हैं| अब लडको को भी समझाना पड़ेगा की दरिंदो से दूर रहना चाहिए| कैसे करेंगे? कौन मदत करेगा?” उसकी इस उलझन को देख आमुक्ति भी सोच में पड गयी की कैसे करेंगे?


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग ६

       


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करिश्मा अपनी सजा पूरी कर बाहर आ गयी हैं और उसने हिन्दू मान्यताओ के हिसाब से जीवन जीना शुरू किया हैं| अब वो लडकियों को झूठे और घातक प्रेमजाल से मुक्त करने का काम कर रही हैं| अगर कोई लड़की न माने तो पिशाचलोक से आमुक्ति के कहने पर कोई न कोई पिशाचिनी करिश्मा की मदत कर रही हैं| करिश्मा की मदत करने के बाद पिशाचिनियों को उस दर्द भरी योनी से मुक्ति भी मिल रही हैं|

अरमान अभीभी जेल में हैं और अपने गुनाहों की सजा काट रहा हैं| उसके लिए उसकी जिंदगी बोझ हो गयी हैं, क्यों की उसके गुनाहों के लिए जेल जैसी आरामदायी सजा कम हैं इसीलिए उसे कैंसर हैं जिसका दर्द उसे हर रात परेशान करता हैं और उसका कोई इलाज भी नहीं हैं| वो बस अपनी मौत का इन्तजार कर रहा हैं|


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग ५

       


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उसके बाद किरण ने जीतनी भी रिकॉर्डिंग थी वो ध्यान से देखकर छोटे छोटे वीडियोस में एडिट कर सोशल मिडिया पर शेयर कर दिए| वो विडियोज समाज में जाग्रति लाने के लिए लाखों बार देखे गए|

सीमा ने फिर से नयी नौकरी ज्वाइन कर ली| और अबकी बार ऐसे किसी भी इंसान के झांसे में वो नहीं आई जो जरुरत से ज्यादा प्यार से बात कर रहा हो, या जरुरत से ज्यादा तारीफ कर रहा हो| और अब सीमा उन सभी पिशाचों की मुक्ति के लिए नित्य प्रार्थना करती हैं जिनको उसने देखा|

उर्मिला और नागनाथ इस बात से संतुष्ट थे की बेटी भी सहीसलामत हैं और उसके दोनों नाजायज बच्चे भी मर गए हैं| और अब वो अपने पति के साथ खुश हैं| और उसका एक हसता खेलता परिवार हैं|


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग ४

       


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आमुक्ति के कहने के हिसाब से दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार पुरे रीतिरिवाजों के साथ किया गया| दोनों के नाम का पिंडदान भी किया गया| सीमा ने भी दोनों की सद्गति के लिए अपना दुःख भुला दिया|

सीमा को आमुक्ति ने छोड़ दिया और वो अपने गंतव्य की तरफ चलने लगी| जाने के पहले उसने एक बात कही, “दर्दनाक हत्या से कई लोग मरते हैं पर हम एक ही वंश के लोग हैं – मनुष्य वंश के| और न जाने किस जनम में हमारा आपस में सम्बन्ध रहा होगा| उसी भूले हुए सम्बन्ध का वास्ता देकर कहती हु की पिशाचयोनी से कई आत्माए मुक्त होना चाहती हैं| जरुरत हैं तो बस एखाद हनुमान चालीसा या भगवद्गीत के कुछ श्लोक प्रति दिन केवल पिशाचों को समर्पित कर पढ़ने की| आपकी एक प्रार्थना हमें मुक्त होने का बल देती हैं|”


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग ३

       


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फिर किरण ने पूछा, “दोनों तो मर गए हैं तो फिर अब क्या करना हैं?”

आमुक्ति ने कहा, “पुरे रीतिरिवाजों के साथ दोनों का अंतिम संस्कार करो| दोनों का पिंड दान करो| दोनों मुक्त हो जायेगे|”

उर्मिला ने पूछा, “फिर आपकी इस पिशाचयोनी से मुक्ति क्या सीमा के मरने से होंगी?”

आमुक्ति ने कहा, “नहीं| सीमा को मरने जरुरत नहीं हैं मुझे मुक्त कराने के लिए| मुझे अभी भी मेरे कुछ कर्म भुगतने हैं| जिसके लिए नए से मेरी यात्रा अब आरम्भ होगी| और डरो मत अब मैं सीमा को छोड़ दूंगी| इसके बाद उसे कैसे रहना हैं ये समझ में आ गया हैं| उसे अपने मरे हुए बच्चो का दुःख जरुर होगा पर इसके आगे उसका भविष्य उज्वल हैं|”


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग २

       


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फिर किरण ने पूछा, “तो फिर तुमने सीमा का एबॉर्शन क्यों नहीं करने दिया हमें?”

आमुक्ति बोली, “मैंने इतने दशकों तक अपने जय-विजय की मुक्ति के लिए प्रयास किये थे| मैं इनसे दूर नहीं हो सकती थी और न ही इनके साथ पिशाचयोनी से मुक्त हो सकती थी| जिसदिन कालिताई ने मुझे पिशाचलोक में दर्शन दिए उसदिन उन्होंने कहा था की पहले मुझे अपने दोनों बच्चो को मुक्त करना होगा, अपनेआप से भी और पिशाचयोनी से भी तभी मैं मुक्त हो सकुंगी| मैं चाहती थी तो चुपचाप सीमा पर कब्ज़ा जमाये रहती थी पर जब उसे मारने का षड्यंत्र मुझे पता चला मैंने उसे जिन्दा रखने की ठानी| इसमें मेरा ही फायदा था किसी भी तरह दोनों बच्चे और सीमा को जिन्दा रखना था| मैं अगर पहले ही तुम्हे बता देती की दोनों बच्चे मरे हुए पैदा होंगे तो तुम मुझे कबका यहाँ से भगा चुकी होती और मेरा उद्देश्य कभी पूरा नहीं होता, जो था मेरे जय विजय की मुक्ति| मैं यहाँ जय-विजय को पिशाचयोनी से मुक्ति दिलाने ही आई हु|”


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग १

       


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नौवा महिना लगते ही सीमा को दर्द होने लगा| उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेजाया गया|

नौ महीने पूरी तरह डिप्रेशन और स्ट्रेस में रहने के बाद, सीमा में अब ताकद नहीं थी की वो नार्मल डिलीवरी कर सके| सी-सेक्शन से सीमा की डिलीवरी हुई| पर दोनों बच्चे मरे हुए थे| ये देख सीमा बहोत दुखी हुई| किरण ने इसका कारण आमुक्ति को पूछा|

आमुक्ति ने उत्तेर दिया, “ये बच्चे तो मरने ही वाले थे क्यों की जब सीमा बेहोश थी तब उसे होश में लाने के लिए जो ट्रीटमेंट दी गयी वो उसकी प्रेगनेंसी को ध्यान में रख कर नहीं दी गयी थी|”


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ८

       


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आज भी उषा के माँता-पिता ये सोचते हैं की उषा कही भाग गयी हैं| अरमान को इस बात का कोई दुःख नहीं हैं, की उषा कही मिल नहीं रही वो तो यही कह रहा हैं “अच्छा हो गया खुद से कही भाग गयी| नहीं तो उसे गायब करने के लिए मुझे पापड़ बेलने पड़ते|”

अरमान का ये ऐसा बर्ताव देख कर सीमा परेशान हो गयी और रोने लगी| आमुक्ति ने उसे जगाया और पूछा, “क्या हुआ?”

सीमा ने कहा, “कुछ समझ नहीं आ रहा| अरमान इतना दुष्ट होगा ये मुझे नहीं लगा था|”

उस दिन के बाद से सीमा चुप-चुप रहने लगी थी| उसे जीवन नीरस लग रहा था| कई बार उसके मन में अरमान को मारने की इच्छा जगी पर वो कुछ नहीं कर सकती थी| ऐसे करते-करते उसके प्रसव के दिन नजदीक आने लगे थे|


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ७

       


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फिर एक दिन सुलेमान ने उसे अकेले ही अपने साथ कमरे में बंद कर लिया| सुलेमान की आखों में दरिंदगी साफ़ नजर आ रही थी| उसने उषा की इज्जत लुट ली| उषा को जिन्दा रहने की इच्छा नहीं बची| पर वो ये भी जान गयी थी की ये सारे बोम्ब्स किसी बड़े धमाके के लिए बनाये जा रहे हैं| उसने बारूद के कमरे में खुद को बंद कर दिया और आग लगा दी| बड़ा सा धमाका हुआ और उसके चिथड़े उड़ गए|

धमाका इतना बड़ा था की मामले की जांच सीनियर ऑफिसर को करने के लिए दी गयी| सुलेमान के आतंकी इरादे पता चलने के बाद सुलेमान पकड़ा गया और उसे जेल हो गयी| पर उषा अब पिशाचलोक की वासी हो गई थी| क्यों की ये किसी को भी नहीं पता की उस कमरे में उषा ने आग लगायी थी| इतने बड़े धमाके और आग में उसके शरीर का एक टुकड़ा भी नहीं मिला| 


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ६

       


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वैसे सुलेमान और उसके हाथ के निचे काम करने वाले लड़के, लडकियों को लेकर बुरी नियत वाले ही थे, पर उषा अरमान की प्रेमिका थी इसीलिए वो उसकी तरफ बुरी नजर नहीं देखते थे और न ही उसे तंग करते थे| वो हर रोज अरमान के साथ आती अपना काम करती और वापस अरमान के साथ लौट जाती|

फिर एक दीन उषा ने देखा की सुलेमान की फैक्ट्री में बहुत सारा असला बारूद रखा हुआ हैं| और जो सर्किट्स वो सोल्डर कर रही हैं वो असल में मिनिएचर बोम्ब्स का एक पार्ट हैं जिन्हें किसी खास मकसद के लिए तैयार किया जा रहा था| उषा ये सबकुछ अरमान को बताना चाहती थी पर फिर उसने देखा की अरमान खुद इन बोम्ब्स को कही पोहोचाने का काम कर रहा हैं| उषा ने इस बारे में पीसीओ से पुलिस को खबर दे दी| पर जिस पुलिस स्टेशन में उसने ये खबर दी उस पुलिस स्टेशन का इंचार्ज सुलेमान का ही भाई था| तो कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि उषा पर सुलेमान का शक बढ़ गया|


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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ५

       


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उषा की आख में ज्यादा पैसों की लालच साफ़ नजर आ रही थी| उषा झट से तैयार हो गयी ये जाने बिना ही की क्या करना होगा? सुलेमान ने कहा, कल सबेरे आजाना काम समझा दूंगा| अगले दिन उषा वहा पोहोच गयी| उषा को थोडा बहुत इलेक्ट्रॉनिक्स का भी काम जम जाता था क्यों की उसने इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा इंजीनियरिंग किया था| सुलेमान ने उसे कुछ सर्किट्स सोल्डर करने के लिए दी और उषा अपने काम पर लग गयी थी| उषा को नहीं मालूम था की वो जिन सर्किट्स को सोल्डर कर रही हैं उनका इस्तमाल कहा होने वाला हैं| दिन में सिर्फ तिन घंटे काम करने के उसे सुलेमान २५००० रुपये महीने के दे रहा था| और साथ में हर महीने उतने ही उसके कर्जे से भी काट रहा था| 


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ४

      


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जब उसका भाई ठीक हो गया तो अरमान ने कहा, “उषा वो सुलेमान पैसे मांग रहा हैं| लौटाने पड़ेंगे| एकसाथ नहीं भी हुए तो भी थोड़े-थोड़े करके लौटाने पड़ेंगे|| उषा ने ठीक हैं कहा|

फिर उषा दुगना काम कर पैसे जोड़ने लगी| महीने भर में पाच हजार उसने जोड़ लिए थे| पाच हजार लेकर वो सुलेमान के पास गयी| तो सुलेमान ने उसे बेईज्ज्जत करते हुए कहा, “कब तक ये चिल्लर लाती रहोगी| दस लाख का कर्जा उतारते-उतारते बूढी हो जाओगी| कुछ दूसरा काम करो जिसमे ज्यादा पैसे हैं| अगर ऐसा काम करना हैं तो मैं बता दूंगा|”


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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग ३

      


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उषा गरीब घर से थी| जॉब करना चाहती थी, अपने कॉलेज की फीस और घरखर्च के लिए थोडा सहारा देने के लिए| अरमान की कई जगह पहचान थी| तो अरमान ने उसे एक डाटा एंट्री फर्म में काम पर लगा दिया था| दिनभर काम करके शामको उषा अरमान के साथ ही अपने घर जाती थी| अरमान उसे उसके कॉलोनी के बाहर तक ही लिफ्ट देता था, ये कहकर की लोग चार बाते करेंगे और उषा की ही बदनामी होंगी| उषा भी मान जाती थी|

एक दिन उषा की बहोत सारे रुपयों की जरुरत आन पड़ी, क्यों की उसके भाई का एक्सीडेंट हो गया था| उसने अरमान से मदत मांगी| तो अरमान ने उसे किसी सुलेमान के पास भेजा| सुलेमान दिखने में एकदम गुंडा था और असल में भी गुंडा ही था| सुलेमान ने उसे दस लाख रुपये रोकड़ा दे दिए और कहा, “और भी जरुरत पड़ी तो मिल जायेंगे|” उषा ख़ुशी ख़ुशी अस्पताल आई और अच्छे से अपने भाई का इलाज करवाया|


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आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग २

      


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आमुक्ति ने कहा, “ठीक हैं दिखाती हु पर ये याद रखना की तुम एक शब्द किसी के साथ बात नहीं करोगी, नहीं तो तुम्हारे दोनों बच्चे हमेशा के लिए उस लोक में कैद हो जायेंगे|”

सीमा ने कहा, “ठीक हैं, नहीं बोलूंगी एक भी शब्द|”

आमुक्ति ने उसके भुकुटि पर फिर से अंगूठा रखा और सीमा की आखों के सामने एक फिल्म चलने लगी| केरल की खुबसूरत वादियों में वो फिर से खो गयी थी| तभी उसके सामने अरमान आया| हमेशा की तरह एकदम हसता-मुस्कुराता और प्यार से बात करता हुआ| अबकी बार वो एक लड़की के साथ बात कर रहा था| दोनों नदी किनारे बैठकर बाते कर रहे थे| एक दुसरे में खोये थे| उनके सुनहरे भविष्य के सपने सजा रहे थे| वो लड़की १८-१९ साल की ही थी| उषा नाम था उसका| उषा और अरमान को ऐसे देखकर सीमा को गुस्सा आ रहा था पर उसे चुप रहना था तो वो चुपचाप सब देख रही थी|


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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: चिथड़े वाली पिशाचिनी: भाग १

      


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सीमा उस चिथड़े उड़े हुए लड़की के साथ बात करने के लिए आगे बढ़ी, तभी सीमा ने उसे पिशाचलोक से बाहर मनुष्यलोक में ला लिया| क्यों की किसी मनुष्य का इस तरह पिशाचलोक में किसी से बात करना हानिकारक हो सकता था|

सीमा झल्लाते हुए बोली, “अरे मुझे उस चिथड़े उड़े हुए लड़की के साथ बात तो करने देती| वापस क्यों लेकर आई?”

आमुक्ति ने कहा, “तुम अति मॉडर्न खयालों वाली लडकियों की दिक्कत ही ये हैं, की तुम किसी नियम के पीछे के कारण कभी नहीं समझ सकती|”

सीमा ने चीखकर कहा, “मैं जानना चाहती हु उसके साथ क्या हुआ था?”


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आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग ५

      


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सीमा ये सुनकर डर गयी थी पर उसे देखना था पिशाचलोक में क्या हो रहा हैं? फिर आमुक्ति ने उसके भृकुटी पर अंगूठा रख उसे पिशाचलोक दिखाया| सीमा न जाने कितनी ही गर्भवती पिशाचिनियाँ देखी जो अपने होने वाले शिशु की मुक्ति के लिए उपाय ढूंढ रही थी, न जाने कितनी ऐसी लडकिया देखी जिनके बेरहमी से टुकड़े हुए थे| दर्दभरी हत्या हुए न जाने कितने आदमी देखे जिनका गुनाहगार उस दरिंदगी भरी सोच का गुलाम हैं| सभी मुक्ति के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे| कुछ पूजा-पाती करने वाले थे, तो कुछ पेड़ पौधों की सेवा करने वाले थे, तो कई लडकियाँ अपने माँ-बाप को दुखी कर दरिंदो के साथ खुद ही चली गयी थी| सब मुक्त होना चाहते थे| उनकी पीड़ा देख सीमा रोने लगी|

वही उन्ही पिशाचों में एक लड़की थी जिसके चिथड़े उड़े हुए थे| सीमा उसके बारे में जानना चाहती थी|


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग ४

      


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आमुक्ति ने आगे बताया, “जब इस लड़कीकी आत्मा पिशाचलोक में आई तब वो हमेशा अखड़ी हुई रहती थी| जब वो लड़का पकड़ा गया और इस लड़की के घरवालो को लाश दी गयी तब घरवालों ने छाती पिटपिट कर कहा, “कितना समझाया था इसे की वो लड़का एकदम नालायक हैं उससे दूर रहे| पर सुना नहीं|” बस जब ये लड़की आने माँ बाप को रोते हुए देख रही थी तब उसे याद आया की कैसे उसने अपने माँ बाप का अपमान किया था, अपने कातिल के खिलाफ कुछ बोलने पर| कैसे उसने गन्दी गालियाँ दी थी अपने सभी नातेदारों को| पर अब कोई फायदा नहीं था| वो दर्द में आज भी पिशाच लोक में तड़प रही हैं| आगर तुम चाहो तो देख सकती हो|”


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आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग ३

      


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आमुक्ति ने कहा, “फिर एक दिन लड़के ने अपने चार दोस्त अपने घर बुलाए| उस लड़की को नशे की बहोत ज्यादा दवा दी गयी| लड़की नशे में ही लडखडा रही थी की पाचों लड़के उसपर झपट पड़े| कपडे फाड़कर उतार फेके| और जबतक मन नहीं भरा तब तक बारी-बारी उस लड़की के साथ लैगिक सम्बन्ध बनाते रहे| जब लड़की को होश आया तो उसने विरोध कर भागने की कोशिश की| पर लड़के और उसके दोस्तों ने लड़की को वैसा ही नंगा एक आइसक्रीम फ्रिज में मोड़कर रख दिया और फ्रिज लॉक कर दिया| ठण्ड में लड़की तड़प-तड़प कर मर गयी| कई दिनों तक किसी को कुछ पता नहीं चला| उस दरिन्दे ने एक दिन एक और लड़की को अपने घर लाया| दूसरी लड़की ने घर में रखा आइसक्रीम फ्रिज देखा और उसे शक हुआ| लड़का जब सो रहा था तब उस दूसरी लड़की ने धीरे से खोल कर देखा तो उसमे लाश मिली| उसने तुरंत पुलिस बुलाई और लड़का पकड़ा गया|”


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आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग २

     


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आमुक्ति ने कहा, “जो मैंने सहा वो कदाचित कोई भरोसा नहीं रखेगा| क्यों की घटना सौ साल पहले हुई हैं और उसके बारे में कही कुछ भी सही से नहीं लिखा हैं| उस समय मारे गए कई लोग आज भी न्याय की राह देख रहे हैं जो कदाचित होना ही नहीं हैं| पर तुम उसपर तो भरोसा रख सकती हो न जो अभी हुआ हैं?”

सीमा ने कहा, “क्या हुआ हैं अभी?”

आमुक्ति ने कहा, “कई घटनाएं हुई हैं| कई लडकिया पिशाच लोक में आये दिन आती हैं| अभी कुछ दिन पहले एक लड़की आई थी| बिलकुल तुम्हारी तरह पढ़ी लिखी थी| नौकरी कर रही थी| उसे भी एक दरिन्दे से प्यार हुआ था| दोनों बिना शादी के साथ रह रहे थे| लड़का उसे बार-बार अपना धर्म छोड़ने के लिए कह रहा था| लड़की मानी नहीं|” 


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आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग १

     


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सीमा की दुविधा देख कर आमुक्ति उसके सामने प्रकट हो गयी, अपने असली स्वरुप में| बिलकुल कान्तिमयी १६-१७ साल की एक महिला, जिसका छे महीने का गर्भ हैं| आमुक्ति की बड़ी-बड़ी कमल जैसी आखे, गुलाब की नाजुक पंखुड़ी के जैसे होठ, और कोमल सी कद काठी देखकर सीमा उसे देखती ही रह गयी|

आमुक्ति ने पूछा, “क्या सोच रही हो?”

सीमा ने कहा, “बस समझ नहीं आ रहा किस पर भरोसा रखु – अरमान पर जिसने मुझे प्यार दिया, करिश्मा पर जो अब जेल में हैं और अब उसने अपना मजहब छोड़ दिया हैं या तुमपर जिसके साथ बड़ी भयावह घटना हुई हैं?”


लेखिका: रिंकू ताई

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आमुक्ति का करिश्मा: ख़त: भाग ६

     


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तुम अगर अरमान के कहने पर मजहब अपना भी लेती तो भी वो तुमसे कभी प्यार नहीं करता था| तुम्हारे साथ भी वही होता था जो दूसरी लडकियों के साथ हुआ हैं| मैं अरमान के हर गलत काम में उसकी साथी बन गयी थी इस उम्मीद के साथ की वो किसी दिन मुझे ढेर सारा प्यार देगा| पर मैं बेवकूफ थी| प्यार के सही मायने तुम जब मेरी जिंदगी में आई तब मुझे पता चले|

पर अब ये बेवकुफी मैं और नहीं करुँगी| अरमान ने मुझे कोर्ट रूम में ही तलाक दे दिया हैं| अभी जो कानून हैं उसके हिसाब से मैंने अरमान पर केस कर दिया हैं| पर सच कहू, तो मैं अब अरमान के साथ नहीं रहना चाहती| और इस पुरे समय में जिस तरह मेरे खुद के माँ बाप ने भी मेरा साथ छोड़ दिया हैं, मैंने फैसला ले लिया हैं की अब मैं लौट कर उनके पास भी नहीं जाउंगी|

हो सके तो मुझे माफ़ कर देना| और अरमान को भूल जाना| वो तुम्हारे लायक कभी था ही नहीं|

तुम्हारी दोस्त

एक्स-मजहबी करिश्मा!

करिश्मा का ये ख़त पढ़कर सीमा गहरी सोच में डूब गयी| उसे समझ नहीं आ रहा था की किस पर भरोसा रखना चाहिए| अरमान पर या अरमान के चेहरे से नकाब उठाने वाले कोर्ट, पुलिस, करिश्मा या आमुक्ति पर?


लेखिका: रिंकू ताई

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सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...