कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|
आमुक्ति ने कहा, “जो
मैंने सहा वो कदाचित कोई भरोसा नहीं रखेगा| क्यों की घटना सौ साल पहले हुई हैं और
उसके बारे में कही कुछ भी सही से नहीं लिखा हैं| उस समय मारे गए कई लोग आज भी
न्याय की राह देख रहे हैं जो कदाचित होना ही नहीं हैं| पर तुम उसपर तो भरोसा रख
सकती हो न जो अभी हुआ हैं?”
सीमा ने कहा, “क्या हुआ
हैं अभी?”
आमुक्ति ने कहा, “कई
घटनाएं हुई हैं| कई लडकिया पिशाच लोक में आये दिन आती हैं| अभी कुछ दिन पहले एक
लड़की आई थी| बिलकुल तुम्हारी तरह पढ़ी लिखी थी| नौकरी कर रही थी| उसे भी एक दरिन्दे
से प्यार हुआ था| दोनों बिना शादी के साथ रह रहे थे| लड़का उसे बार-बार अपना धर्म छोड़ने
के लिए कह रहा था| लड़की मानी नहीं|”
लेखिका: रिंकू ताई
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