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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: पिशाचलोक के दर्शन: भाग ५

      


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सीमा ये सुनकर डर गयी थी पर उसे देखना था पिशाचलोक में क्या हो रहा हैं? फिर आमुक्ति ने उसके भृकुटी पर अंगूठा रख उसे पिशाचलोक दिखाया| सीमा न जाने कितनी ही गर्भवती पिशाचिनियाँ देखी जो अपने होने वाले शिशु की मुक्ति के लिए उपाय ढूंढ रही थी, न जाने कितनी ऐसी लडकिया देखी जिनके बेरहमी से टुकड़े हुए थे| दर्दभरी हत्या हुए न जाने कितने आदमी देखे जिनका गुनाहगार उस दरिंदगी भरी सोच का गुलाम हैं| सभी मुक्ति के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे| कुछ पूजा-पाती करने वाले थे, तो कुछ पेड़ पौधों की सेवा करने वाले थे, तो कई लडकियाँ अपने माँ-बाप को दुखी कर दरिंदो के साथ खुद ही चली गयी थी| सब मुक्त होना चाहते थे| उनकी पीड़ा देख सीमा रोने लगी|

वही उन्ही पिशाचों में एक लड़की थी जिसके चिथड़े उड़े हुए थे| सीमा उसके बारे में जानना चाहती थी|


लेखिका: रिंकू ताई

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