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आमुक्ति ने कहा, “ठीक
हैं दिखाती हु पर ये याद रखना की तुम एक शब्द किसी के साथ बात नहीं करोगी, नहीं तो
तुम्हारे दोनों बच्चे हमेशा के लिए उस लोक में कैद हो जायेंगे|”
सीमा ने कहा, “ठीक हैं,
नहीं बोलूंगी एक भी शब्द|”
आमुक्ति ने उसके भुकुटि
पर फिर से अंगूठा रखा और सीमा की आखों के सामने एक फिल्म चलने लगी| केरल की
खुबसूरत वादियों में वो फिर से खो गयी थी| तभी उसके सामने अरमान आया| हमेशा की तरह
एकदम हसता-मुस्कुराता और प्यार से बात करता हुआ| अबकी बार वो एक लड़की के साथ बात
कर रहा था| दोनों नदी किनारे बैठकर बाते कर रहे थे| एक दुसरे में खोये थे| उनके
सुनहरे भविष्य के सपने सजा रहे थे| वो लड़की १८-१९ साल की ही थी| उषा नाम था उसका|
उषा और अरमान को ऐसे देखकर सीमा को गुस्सा आ रहा था पर उसे चुप रहना था तो वो
चुपचाप सब देख रही थी|
लेखिका: रिंकू ताई
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