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Monday, 14 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: मुक्ति: भाग ४

       


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आमुक्ति के कहने के हिसाब से दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार पुरे रीतिरिवाजों के साथ किया गया| दोनों के नाम का पिंडदान भी किया गया| सीमा ने भी दोनों की सद्गति के लिए अपना दुःख भुला दिया|

सीमा को आमुक्ति ने छोड़ दिया और वो अपने गंतव्य की तरफ चलने लगी| जाने के पहले उसने एक बात कही, “दर्दनाक हत्या से कई लोग मरते हैं पर हम एक ही वंश के लोग हैं – मनुष्य वंश के| और न जाने किस जनम में हमारा आपस में सम्बन्ध रहा होगा| उसी भूले हुए सम्बन्ध का वास्ता देकर कहती हु की पिशाचयोनी से कई आत्माए मुक्त होना चाहती हैं| जरुरत हैं तो बस एखाद हनुमान चालीसा या भगवद्गीत के कुछ श्लोक प्रति दिन केवल पिशाचों को समर्पित कर पढ़ने की| आपकी एक प्रार्थना हमें मुक्त होने का बल देती हैं|”


लेखिका: रिंकू ताई

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