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उषा की आख में ज्यादा
पैसों की लालच साफ़ नजर आ रही थी| उषा झट से तैयार हो गयी ये जाने बिना ही की क्या
करना होगा? सुलेमान ने कहा, कल सबेरे आजाना काम समझा दूंगा| अगले दिन उषा वहा
पोहोच गयी| उषा को थोडा बहुत इलेक्ट्रॉनिक्स का भी काम जम जाता था क्यों की उसने
इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा इंजीनियरिंग किया था| सुलेमान ने उसे कुछ सर्किट्स
सोल्डर करने के लिए दी और उषा अपने काम पर लग गयी थी| उषा को नहीं मालूम था की वो
जिन सर्किट्स को सोल्डर कर रही हैं उनका इस्तमाल कहा होने वाला हैं| दिन में सिर्फ
तिन घंटे काम करने के उसे सुलेमान २५००० रुपये महीने के दे रहा था| और साथ में हर
महीने उतने ही उसके कर्जे से भी काट रहा था|
लेखिका: रिंकू ताई
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