#काला_कानून_वापस_लो
ये क्यों ट्रेंड हो रहा है? @grok
यह हैशटैग हाल के सुप्रीम कोर्ट फैसले के विरोध में ट्रेंड कर रहा है, जिसमें 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए भी TET पास करना अनिवार्य किया गया है। उत्तर प्रदेश के शिक्षक संघ इसे 'काला कानून' मानकर वापसी की मांग कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए समाचार स्रोत देखें।
ये TET क्या है? @grok
TET का मतलब Teacher Eligibility Test है, जो भारत में शिक्षक बनने के लिए एक योग्यता परीक्षा है। यह NCTE द्वारा आयोजित की जाती है और सरकारी स्कूलों में नौकरी के लिए अनिवार्य है। हालिया सुप्रीम कोर्ट फैसले ने इसे 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए भी जरूरी बना दिया है।
भारत में शिक्षक बनने के लिए प्राइमरी, सेकेंडरी, हायर सेकंडरी और कॉलेज इन चारों स्तरों पर क्या क्या डिग्रियां लेनी पड़ती है? @grok
भारत में शिक्षक बनने के लिए योग्यताएं (2025 तक):
प्राइमरी (1-5): 12वीं के बाद D.El.Ed या B.El.Ed/B.Ed, TET/CTET पास।
सेकेंडरी (6-10): ग्रेजुएशन + B.Ed, TET/CTET पास।
हायर सेकेंडरी (11-12): पोस्ट-ग्रेजुएशन + B.Ed, TET/STET पास।
कॉलेज: मास्टर्स + UGC-NET/SET, PhD उच्च पदों के लिए।
विवरण राज्य अनुसार भिन्न हो सकता है, NCTE दिशानिर्देश देखें।
भारत में शिक्षक बनने के लिए प्राइमरी, सेकेंडरी, हायर सेकंडरी और कॉलेज इन चारों स्तरों पर क्या क्या डिग्रियां लेनी पड़ती है? @grok
TET और CTET परीक्षाएँ भारत में 2011 से आयोजित हो रही हैं। पहली CTET 26 जून 2011 को CBSE द्वारा कराई गई थी, जबकि विभिन्न राज्यों में TET भी उसी वर्ष शुरू हुए, जैसे UPTET नवंबर 2011 में। यह RTE एक्ट 2009 के तहत NCTE द्वारा शुरू किया गया था।
मतलब यह एक जरूरी परीक्षा हो गई है जो हर शिक्षक ने देनी चाहिए, फिर इसका विरोध क्यों हो रहा है? @grok
विरोध मुख्य रूप से 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों से है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने TET को उनके लिए भी अनिवार्य कर दिया है। वे इसे अन्यायपूर्ण मानते हैं, क्योंकि इससे नौकरी की सुरक्षा और प्रमोशन पर असर पड़ सकता है। शिक्षक संघों का कहना है कि पुराने शिक्षकों पर बोझ बढ़ेगा और कई असफल हो सकते हैं। कोर्ट ने 2 साल की मोहलत दी है। अधिक जानकारी के लिए समाचार स्रोत देखें।
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