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Wednesday, 15 February 2023

बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचो

 


अत्यंत गरीब परिवार का एक  बेरोजगार युवक  नौकरी की तलाश में  किसी दूसरे शहर जाने के लिए  रेलगाड़ी से  सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी | आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी, और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने लगा |

उसके खाने का तरीका कुछ अजीब था , वह रोटी का  एक टुकड़ा लेता और उसे टिफिन के अन्दर कुछ ऐसे डालता मानो रोटी के साथ कुछ और भी खा रहा हो, जबकि उसके पास तो सिर्फ रोटीयां थीं!! उसकी इस हरकत को आस पास के और दूसरे यात्री देख कर हैरान हो रहे थे | वह युवक हर बार रोटी का एक टुकड़ा लेता और झूठमूठ का टिफिन में डालता और खाता | सभी सोच रहे थे कि आखिर वह युवक ऐसा क्यों कर रहा था |

आखिरकार  एक व्यक्ति से रहा नहीं गया और उसने उससे पूछ ही लिया की भैया तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, तुम्हारे पास सब्जी तो है ही नहीं फिर रोटी के टुकड़े को हर बार खाली टिफिन में डालकर ऐसे खा रहे हो मानो उसमे सब्जी हो | तब उस युवक  ने जवाब दिया, भैया , इस खाली ढक्कन में सब्जी नहीं है लेकिन मै अपने मन में यह सोच कर खा रहा हू की इसमें बहुत सारा आचार है,  मै आचार के साथ रोटी खा रहा हू  |

फिर व्यक्ति ने पूछा , खाली ढक्कन में आचार सोच कर सूखी रोटी को खा रहे हो तो क्या तुम्हे आचार का स्वाद आ रहा है ? हाँ, बिलकुल आ रहा है , मै रोटी  के साथ अचार सोचकर खा रहा हूँ और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा है |, युवक ने जवाब दिया| उसके इस बात को आसपास के यात्रियों ने भी सुना, और उन्ही में से एक व्यक्ति बोला , जब सोचना ही था तो तुम आचार की जगह पर मटर-पनीर सोचते, शाही गोभी सोचतेतुम्हे इनका स्वाद मिल जाता |

तुम्हारे कहने के मुताबिक तुमने आचार सोचा तो आचार का स्वाद आया तो और स्वादिष्ट चीजों के बारे में सोचते तो उनका स्वाद आता | सोचना ही था तो भला  छोटा क्यों सोचे तुम्हे तो बड़ा सोचना चाहिए था |

शिक्षा -

मित्रो इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की जैसा सोचोगे वैसा पाओगे | छोटी सोच होगी तो छोटा मिलेगा, बड़ी सोच होगी तो बड़ा मिलेगा | इसलिए जीवन में हमेशा बड़ा सोचो | बड़े सपने देखो , तो हमेश बड़ा ही पाओगे | छोटी सोच में भी उतनी ही उर्जा और समय खपत होगी जितनी बड़ी सोच में, इसलिए जब सोचना ही है तो हमेशा बड़ा ही सोचो |




Tuesday, 14 February 2023

सुविचार संग्रह १९

भारत माता की जय!

सुविचार संग्रह में आपका स्वागत हैं|


अकड़ और अभिमान एक मानसिक बीमारी है, जिसका इलाज कुदरत ओर समय जरूर करता है।।

कुछ बातों का इलाज समय आने पर कुदरत करती ही हैं उनमे से एक हैं अकड़ और दुरसा हैं हद से ज्यादा अभिमान| 

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धीरज अपने लिए, प्रेम दूसरों के लिए, और करुणा सभी के लिए!!

अगर आपके अन्दर धीरज - धैर्य न हो तो आप हमेशा जल्दबाजी में ही रहेंगे| जल्दबाजी में आप हर बार प्रेम से बर्ताव करोगे ये जरुरी तो नहीं हैं| और जब प्रेम के बिज ही अंकुरित न हुए तो करुना का झरना नहीं बहेगा| इसीलिए अपने अंतर्मन में हमेशा धैर्य को स्थापित करके रखे|

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समझदारी की बातें सिर्फ़ दो ही लोग करते हैं।।

एक वो जिसकी उम्र और तर्जुबा दोनों अधिक हो।।

दूसरा वो जिसने बहुत कम उम्र में, अच्छा और बुरा दोनो वक़्त देखा हो।।

बढती उम्र के साथ कई बार समझदारी नहीं आती क्यों की उस व्यक्ति ने अच्छे समय में भी केवल बुराई को ही ढूंढा रहता हैं| जो बुरे समय में भी कुछ सक्रत्मकता को पा लेता हैं वो अक्सर समझदार हो जाता हैं| 

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बदल देते है लोग कर्म से ही दुनिया, तकदीर पर भरोसा कुछ ज्यादा न करो !!

तक़दीर आपकी नियत से ही बनती हैं| और नियत ही इंसान के कर्म का रास्ता तय करती हैं| अगर कर्म अच्छे हैं तो फिर तक़दीर भी बदलती हैं और दुनिया भी|

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जिनकी भाषा में सभ्यता होती है

उनके जीवन में सदैव भव्यता होती है

अतिशय उत्तम विचार हैं| जो लोग कम से कम सभ्य शब्दों में अपनी बात रखते हैं और जीवन को सरल रखते हैं, वे लोग हमेशा ही अपने बर्ताव से सबका मन जित लेते हैं| फिर उनकी हर बात भव्य बन ही जाती हैं|

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यहाँ तक पढने के लिए धन्यवाद!

अगर आपको ये ब्लॉग पसंद आया हो तो इसे शेयर करिए! सकरात्मक चर्चा के लिए कमेंट सेक्शन में आपके विचार रखिये| मैं आपसे जुड़ना चाहती हु इसीलिए ही कमेंट में आपका इन्तेजार रहेगा!

जय श्री राम!




Monday, 13 February 2023

कैंसर से बचाव आपके रसोईघर में ही हैं|

भारत माता की जय!

कुछ फलों का सेवन और कुछ सब्जियों का नित्य भोजन हमें कई तकलीफों से दूर करता हैं| ऐसी ही कुछ सब्जिय, फल, धान की जानकारी जो कैंसर जैसे रोगों की तकलीफों से हमें दूर रखते हैं| एक बार अवश्य पढ़े|



केला: ब्लडप्रेशर नियंत्रित कर हैता है,हड्डियों को मजबूत बनाता है,हृदय की सुरक्षा करता है,अतिसार में लाभदायक है, खांसी में हितकारी है।

जामुन: केन्सर की रोक थाम,हृदय की सुरक्षा,कब्ज मिटाता है,स्मरण शक्ति बढाता है,रक्त शर्करा नियंत्रित करता है।डायबीटीज में अति लाभदायक।

सेवफ़ल: हृदय की सुरक्षा करता है, दस्त रोकता है,कब्ज में फ़ायदेमंद है,फ़ेफ़डे की शक्ति बढाता है

चुकंदर:- वजन घटाता है,ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,अस्थिक्छरण रोकता है,केंसर के विरुद्ध लडता है,हृदय की सुरक्षा करता है।

पत्ता गोभी: बवासीर में हितकारी है,हृदय रोगों में लाभदायक है,कब्ज मिटाता है,वजन घटाने में सहायक है। केंसर में फ़ायदेमंद है।

गाजर:- नेत्र ज्योति वर्धक है, केंसर प्रतिरोधक है, वजन घटाने मेँ सहायक है, कब्ज मिटाता है, हृदय की सुरक्षा करता है।

फ़ूल गोभी:- हड्डियों को मजबूत बनाता है, स्तन केंसर से बचाव करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के केंसर में भी उपयोगी है, चोंट,खरोंच ठीक करता है।

लहसुन: कोलेस्टरोल घटाती है, रक्त चाप घटाती है, कीटाणुनाशक है,केंसर से लडती है

नींबू: त्वचा को मुलायम बनाता है,केंसर अवरोधक है, हृदय की सुरक्षा करता है,,ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है, स्कर्वी रोग नाशक है।

अंगूर: रक्त प्रवाह वर्धक है, हृदय की सुरक्षा करता है, केंसर से लडता है, गुर्दे की पथरी नष्ट करता है, नेत्र ज्योति वर्धक है।

आम: केंसर से बचाव करता है,थायराईड रोग में हितकारी है, पाचन शक्ति बढाता है, याददाश्त की कमजोरी में हितकर है।

प्याज: फ़ंगस रोधी गुण हैं, हार्ट अटेक की रिस्क को कम करता है। जीवाणु नाशक है,केंसर विरोधी है खराब कोलेस्टरोल को घटाता है।

अलसी के बीज: मानसिक शक्ति वर्धक है, रोग प्रतिकारक शक्ति को ताकत देता है, डायबीटीज में उपकारी है, हृदय की सुरक्षा करता है, पाचन शक्ति को ठीक करता है।

संतरा: हृदय की सुरक्षा करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति उन्नत करता है, श्वसन पथ के विकारों में लाभकारी है, केंसर में हितकारी है

टमाटर: कोलेस्टरोल कम करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिये उपकारी है,केंसर से बचाव करता है, हृदय की सुरक्षा ।

पानी: गुर्दे की पथरी नाशक है, वजन घटाने में सहायक है, केसर के विरुद्ध लडता है, त्वचा के चमक बढाता है।

अखरोट: मूड उन्नत करन में सहायक है, मेमोरी पावर बढाता है,केंसर से लड सकता है, हृदय रोगों से बचाव करता है, कोलेस्टरोल घटाने मं मददगार है।

तरबूज: स्ट्रोक रोकने में उपयोगी है, प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिये हितकारी है, रक्तचाप घटाता है, वजन कम करने में सहायक है।

अंकुरित गेहूं: बडी आंत की केंसर से लडता है, कब्ज प्रतिकारक है, स्ट्रोक से रक्षा करता है, कोलेस्टरोल कम करता है, पाचन सुधारता है।

चावल: किडनी स्टोन में हितकारी है, डायबीटीज में लाभदायक है,स्ट्रोक से बचाव करता है, केंसर से लडता है, हृदय की सुरक्षा करता है।

आलू बुखारा: हृदय रोगों से बचाव करता है, बुढापा जल्द आने से रोकता है, याददाश्त बढाता है, कोलेस्टरोल घटाता है, कब्ज प्रतिकारक है।

पाईनएपल: अतिसार(दस्त) रोकता है, वार्ट्स(मस्से) ठीक करता है, सर्दी,ठंड से बचाव करता है, अस्थि क्छरण रोकता है। पाचन सुधारता है।

जौ,जई: कोलेस्टरोल घटाता है,केंसर से लडता है, डायबीटीज में उपकारी है,,कब्ज प्रतिकारक् है ,त्वचा पर शाईनिंग लाता है।

अंजीर: रक्त चाप नियंत्रित करता है, स्ट्रोक्स से बचाता है, कोलेस्टरोल कम करता है, केंसर से लडता है,वजन घटाने में सहायक है।

शकरकंद: आंखों की रोशनी बढाता है, हड्डिया बलवान बनाता है, केंसर से लडता है ।

यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद! अगर आपको भी कोई सब्जी या फल पता हो जो हमें निरोगी शरीर दे सकता हैं उसके बारे में अवश्य कमेंट कर बताइए| अगर उपरोक्त चीजों से कोई एलर्जी हो सकती हैं और ये बात आपको पता हो तो एक बार कमेंट कर दीजिये पुरे विस्तार में| 



Sunday, 12 February 2023

सुविचार संग्रह १८

भारत माता की जय!

सुविचार संग्रह में आपका स्वागत हैं|


अनुपयोगिता से लोहा जंग खा जाता है, स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो देता है इसी तरह निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है निरंतर सक्रिय रहें जीवन में।

वो कहते हैं न खाली दिमाग शैतान का घर होता हैं| और शैतान हमारी उर्जा को नष्ट कर देता हैं| इसीलिए हमेशा कुशल कर्म करते रहने की कोशिश करिए| 

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मित्रता एवं रिश्तेदारी सम्मान की नही भाव की भूखी होती है बशर्तें लगाव दिल से होना चाहिए दिमाग से नही|

भावना नहीं रही तो सम्मान भी नहीं आता किसी के प्रति| इसीलिए जहा भावनाए जुड़ जाती हैं वहा हमेशा मित्रता एवं रिश्तेदारी बनी रहती हैं| लगाव दिल से रहा तो भावनाए जिवंत रहती हैं वर्ना स्वार्थ से जुड़े रिश्ते दिमाग में ही घर करते हैं और वही पर खत्म हो जाते हैं|

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जो आपके हैं, वो आपको देखकर व्यस्त नही हो सकते!

और जो आपको देखकर व्यस्त हो जायें, वो आपके नही हो सकते!!

आजके ज़माने में हर कोई व्यस्त होता हैं| पर जो आपके लिए अपनी व्यस्तता से दो पल भी निकाल लेता हैं न वो सही मायने में आपकी कद्र करता हैं ये बात आप जितनी जल्दी समझ लेंगे उतनी जल्दी अपनों को परायों के बिच ढूंढ निकालोगे|

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आप शब्द कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल कीजिए फिर भी सुनने वाला अपने मन की स्तिथि और अपने विचारों के अनुसार ही उसका मतलब निकालता है|

पर इसका मतलब ये भी नहीं हैं की आप नासमझी भरी बाते करे| कम बोलो पर शब्दों को सही मायनों में पिरो कर बोलो तो सुनने वाले की मनस्थिति भी बदल ज्यादा हैं| 

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ताक़त और पैसा ज़िन्दगी के फल हैं

परिवार और मित्र जिन्दगी की जड़ हैं

हम फल के बिना अपने आप को चला सकते हैं

पर जड़ के बिना खड़े नहीं हो सकते!

हा हमारा परिवार, हमारे मित्रगन हि हमारे जीवन को आनंदित करते हैं और जीवन प्रफुल्लित हो उठता हैं| अगर जीवन में आनंद चाहिए तो परिवार और मित्र जरुरी हैं|

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यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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जय श्री राम!





Saturday, 11 February 2023

यूरिन

भारत माता की जय!

 


यूरिन (पेशाब) को रोकते हैं देर तक, तो  क्या होगा नुकसान जानीये

1 ऐसा करने से यूरिनरी ब्लेडर, किडनी या पेशाब की नली में जलन और सूजन की समस्या हो सकती है। यह किडनी के लिए बेहद हानिकारक है। 

2 इससे किडनी की कार्य प्रणाली में बाधा होती है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यह किडनी में पथरी यानि किडनी स्टोन या किडनी संक्रमण का कारण बन सकता है। 

3 शरीर की अशुद्धियों को यूरिन के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। अगर सही समय पर यूरीन त्याग न हो तो शरीर में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, जो सबसे ज्यादा किडनी को प्रभावित करता है। 

4 देर तक यूरिन रोकने से यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन या मूत्र मार्ग संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, जो आपकी सेहत को प्रभावित करता है। 

5 ऐसा करने से ब्लेडर में सूजन आने का खतरा बढ़ जाता है और डिस्चार्ज के दौरान तेज दर्द होने की समस्या हो सकती है।

यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद! अगर आपको भी यूरिन रोकने के और कोई नुकसान पता हो तो कमेंट करिए|

Friday, 10 February 2023

सुविचार संग्रह १७

 भारत माता की जय!

सुविचार संग्रह में आपका स्वागत हैं|


दौलत सिर्फ रहन सहन का स्तर बदल सकती है बुद्धि,नियत और तक़दीर नही।

ये अगर झूठ होता तो आज अमेरिका के लोग जो की दुनिया का सबसे धनी देश हैं अवसाद से ग्रसित न होते| अगर तक़दीर में तकलीफे लिखी हैं तो किसी न किसी रूप में वो आएगी और आपका धन भी आपको उन तकलीफों से मुक्ति नही दे सकेगा| आपकी तक़दीर, आपका भविष्य आपकी नियत तय करती हैं| अगर नियत ही ख़राब होगी तो फिर कभी न कभी वो सबकुछ आपके साथ भी होगा जो कह्राब नियत के चलते आपने दूसरों के साथ किया हैं| और आपकी सोच, आपकी बुद्धि तय करेंगी की आपकी नियत कैसी होगी| रावण को भी उसकी दुर्बुद्धि के कारण ही पराजय का मुख देखना पड़ा जबकि उसकी लंका नगरी सोने की थी| इसीलिए ये समझ लो की तक़दीर, नियत और बुद्धि अगर अच्छे हैं तो गरीबी भी सुख की सरगम बजायेंगी और ये अगर निम्न स्तर के हैं तो दौलत भी काटे ही चुभोयेंगी|

प्रेम, सम्मान और अपमान ये एक निवेश की तरह हैं  जितना हम दूसरो को देते है, वो हमें जरूर ब्याज सहित वापस मिलता है

हा हमारा बर्ताव एक निवेश की तरह ही तो हैं| अगर हम प्रेम और सम्मान से सबके साथ बर्ताव करेंगे तो हमें भी प्रेम और सम्मान मिलेगा और अगर हम दूसरों को अपमानित करने में ही धन्यता मानेगे तो एक न एक दिन हमारा पतन निश्चित जरुर होगा|

सार्वजनिक​ रूप से की गई आलोचना अपमान​ में बदल जाती है और एकांत​ में बताने पर सलाह​ बन जाती है|

यह आज के परिवेश में हर माता पिता को ध्यान में रखने योग्य बात हैं| अगर आप सबके सामने आपके बच्चे को खुलेआम उसकी आलोचना करते हुए उसका अपमान करते रहेंगे तो वो आपपर कभी विश्वास नहीं रखेगा और अपनी परेशानियों में हो सकता हैं की वो गलत संगत में चले जाये| क्यों की आपने उसकी आलोचना सबके सामने की जो उसके आत्मसम्मान को ठेस पोहोचाती हैं| इसीलिए जरुरी हैं की आप आपके बच्चे की आलोचना एकांत में ही करे|

खुशी से संतुष्टि मिलती है। और संतुष्टि से खुशी मिलती है। परन्तु फर्क बहुत बड़ा है। खुशी थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है, और संतुष्टि हमेशा के लिए खुशी देती है।

संतुष्ट रहना ये अपने आप में एक साधना से कम नहीं हैं| अगर आप संतुष्ट रहना ही नहीं जानते तो आपको हमेशा पलभर की ही नाशवान ख़ुशी मिलेगी| और ख़ुशी को पाने के हठ में जीवन और भी दुखद होता जायेगा| इसीलिए संतुष्ट होना सीखिए यही सुखी जीवन का सार हैं|

आपका सम्मान उन शब्दों में नहीं है, जो आपके सामने कहे गए, बल्कि उन शब्दों में है, जो आपकी अनुपस्थिति में आपके लिए कहे जाते है।

जिंदगी में मुहपर हर कोई आपको अच्छा ही कहेगा| पर जैसे ही आपने मुह फेर लिया आपकी बुराई के किस्से रचे जायेंगे और कहे जायेंगे| कुछ ही लोग होते हैं जिनके बारे में पीठ पीछे अच्छी बाते होती हैं| ऐसे लोग भी अलग ही होते हैं| वो कभी किसी की बुराई उसके पीठ पीछे नहीं करते| वैसे तो हर सोशल मिडिया प्लेटफार्म का कमेंट सेक्शन आज की तारीख में बुरे कमेंट्स से भरा पड़ा हैं| 

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यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद| आपके अच्छे - बुरे सभी विचारों के लिए निचे कमेंट सेक्शन खुला हैं| खुलकर अपने विचार रखिये और चर्चा कीजिये| अगर ब्लॉग अच्छा लगा हो तो शेयर करिए|

जय श्री राम!


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Tuesday, 7 February 2023

सुविचार संग्रह १६

 भारत माता की जय!

दिन की शुरुआत सुविचार पढ़कर करो तो दिन सवर जाता हैं| लीजिये आपके लिए कुछ सुविचार!


भुलाया उनको जाता हैं जो दिमाग़ में बसते हैं,

दिल में बसने वालों को भूलना नामुमकिन हैं

हा जो दिल में बसते हैं उनको कभी नहीं भूलता हैं ये मन| और जो दिमाग में घर कर जाते हैं उनसे कोई भावना नहीं जुडी होती हैं| जुडा होता हैं तो केवल स्वार्थ| स्वार्थ की पूर्ति के बाद अक्सर हम उनको भुला देते हैं जिनकी जगह केवल दिमाग में होती हैं|

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पैर को लगने वाली चोट संभल कर चलना सिखाती है

और मन को लगने वाली चोट समझदारी से जीना सिखाती है।

संभल कर चलना हमारी जिम्मेदारी हैं क्युकी पैर भी तो हमारा हि हैं और चोट भी हमें ही तकलीफ देती हैं| चोट लगने के बाद भी जो संभलकर नहीं चलता वो अक्सर किसी न किसी नशे में होता हैं| फिर नशा चाहे किसी नशीली चीज का हो या घमंड का - दोनों संभलने नहीं देते| 

किसी से भावनाए जुड़ जाती हैं| पर हम नासमझी में ये भूल जाते हैं की सामने वाले के मन में हमारे लिए कोई भावना होगी ही ये जरुरी नहीं और उसी नासमझी में खुद की भावनाओं का अपमान कर बैठते हैं| दिल टुटा तो तकलीफ होती हैं पर असली हिम्मत तो इसमें हैं की हम उस चोट से कुछ सीखे और समझदारी से अपना जीवन जिए| दिल पर लगी चोट अक्सर अवसाद का रूप ले लेती हैं| पर समझदारी इसी में हैं की अवसाद के बंद कोठरी के बाहर निकला जाए और मन को अपने आराध्य के समर्पण में लगा दिया जाए| मन ही मन अपने ईश्वर से प्रार्थनाये की जाए तो बुरे से बुरे परिस्थिति से मुक्ति अवश्य मिलती हैं|

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हाथ बांधे क्यों खड़े हो हादसों के सामने।

हादसे कुछ भी नहीं है होंसलों के सामने।।

जीवन हैं तो हादसे होते रहेंगे| अपने बिछड़ते रहेंगे| पर उन हादसों से मन को उद्विग्न कर निराशा में डूबना बिलकुल ही गलत बात हैं| हिम्मत और हौसला रखेंगे तो कितना भी नुकसानदेह हादसा हो हम उससे उभरकर अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए उचित उपाय जरुर कर सकेंगे|

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मुस्कुराहटें भी उन्ही की मुरीद होती हैं

जो ज़ख़्म सह के भी हँसना नही भूलते

हा सच ही तो कहा हैं| अगर हम जख्म के ही बारे में सोचते रहेंगे तो रोते रहेंगे और जख्म हमेशा हरा ही रहेगा| जरुरी हैं उस दर्द को अपना लेना - मुस्कुराकर| जैसे ही हमने मुस्कान दी सारे शरीर में एक सकारात्मकता दौड़ जाती हैं| इसीलिए जख्म हैं तो भी उसे प्यार से अपना लीजिये तकलीफे दूर होगी|

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सारी उमर अच्छा करके भी,

एक दिन की गलती बुरा बना देती है !!

दुनिया का दस्तूर हैं, गलतियों के बारे में बहस करे| ये भी सच हैं की जीवनभर आपने कुशल कर्म किये पर एक गलती से किया हुआ गलत काम आपको दुनिया के नजर में गलत बना देता हैं| पर ये भी उतना ही जरुरी हैं की हम उस गलती का पछतावा किस तरह से करते हैं - रोकर उसके लिए खुद को कोस कर या हसकर उस गलती को न दोहराने की कसम खा कर| अगर हम हमारी गलती पर रोते रहे तो दुनिया आसुओ का तमाशा बना देंगी और अगर हम हमारी गलती से सबक लेकर उसे फिर से न दोहराने का प्राण ले ले तो दुनिया भी उस गलती तो देर सवेर भूल जाती हैं|

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Monday, 6 February 2023

भोजन सम्बन्धी कुछ नियम

भारत माता की जय 



जय अन्नपूर्णा माँ !

भोजन से ही शरीर पोषित होता हैं| अगर कुछ नियमो का पालन करेंगे तो भोजन अमृत तुल्य हो जायेगा| वैसे तो कई नियम हैं पर मैंने उन्ही का उल्लेख किया हैं जो सहजता से आज के समय में पालन किये जाते हैं| 

जिन्हें लगता हैं की नियम बनाए जाते ही हैं तोड़ने के लिए, उनको मैं यही कहूँगी की नियम का पालन करोगे तो फायदे में रहोगे और अगर नहीं करोगे तो कोई बात नहीं देर सवेर नुकसान आपका ही होगा| 

चलिए तो मुद्दे पर आते हैं|

भोजन सम्बन्धी कुछ नियम

१ - पांच अंगो ( दो हाथ , दो पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करे!

२ गीले पैरों खाने से आयु में वृद्धि होती है!

३ प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है!

४ पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुह करके ही खाना चाहिए!

५ शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनो में भोजन नहीं करना चाहिए!

६ मल मूत्र का वेग होने पर , कलह के माहौल में , अधिक शोर में , पीपल ,वट वृक्ष के नीचे , भोजन नहीं करना चाहिए!

७ परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए!

८ खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति कर के ,उनका धन्यवाद देते हुए , तथा सभी भूखो को भोजन प्राप्त हो ऐसी प्राथना करके भोजन करना चाहिए!

९ इर्षा , भय , क्रोध , लोभ , रोग , दीन भाव , द्वेष भाव , के साथ किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है!

१० भोजन के समय मौन रहे!

११ भोजन को बहुत चबा चबा कर खाए!

१२ रात्री में भरपेट न खाए!

१३ थोडा खाने वाले को -- आरोग्य ,आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान , और सौंदर्य प्राप्त होता है!

१४ जिसने ढिढोरा पीट कर खिलाया हो वहा कभी न खाए!

१५ अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन कभी न करे!

यह नियम कम से कम यथाशक्ति पालन करते रहिये| देखिये फिर कैसे प्रभाव होता हैं - जीवन पर, विचारों पर, आपसी संबंधो पर!

और भी नियम हैं अगर आपको पता हो तो जरुर निचे कमेंट करिए|
यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
जय श्री राम!




सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...