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Friday, 10 February 2023

सुविचार संग्रह १७

 भारत माता की जय!

सुविचार संग्रह में आपका स्वागत हैं|


दौलत सिर्फ रहन सहन का स्तर बदल सकती है बुद्धि,नियत और तक़दीर नही।

ये अगर झूठ होता तो आज अमेरिका के लोग जो की दुनिया का सबसे धनी देश हैं अवसाद से ग्रसित न होते| अगर तक़दीर में तकलीफे लिखी हैं तो किसी न किसी रूप में वो आएगी और आपका धन भी आपको उन तकलीफों से मुक्ति नही दे सकेगा| आपकी तक़दीर, आपका भविष्य आपकी नियत तय करती हैं| अगर नियत ही ख़राब होगी तो फिर कभी न कभी वो सबकुछ आपके साथ भी होगा जो कह्राब नियत के चलते आपने दूसरों के साथ किया हैं| और आपकी सोच, आपकी बुद्धि तय करेंगी की आपकी नियत कैसी होगी| रावण को भी उसकी दुर्बुद्धि के कारण ही पराजय का मुख देखना पड़ा जबकि उसकी लंका नगरी सोने की थी| इसीलिए ये समझ लो की तक़दीर, नियत और बुद्धि अगर अच्छे हैं तो गरीबी भी सुख की सरगम बजायेंगी और ये अगर निम्न स्तर के हैं तो दौलत भी काटे ही चुभोयेंगी|

प्रेम, सम्मान और अपमान ये एक निवेश की तरह हैं  जितना हम दूसरो को देते है, वो हमें जरूर ब्याज सहित वापस मिलता है

हा हमारा बर्ताव एक निवेश की तरह ही तो हैं| अगर हम प्रेम और सम्मान से सबके साथ बर्ताव करेंगे तो हमें भी प्रेम और सम्मान मिलेगा और अगर हम दूसरों को अपमानित करने में ही धन्यता मानेगे तो एक न एक दिन हमारा पतन निश्चित जरुर होगा|

सार्वजनिक​ रूप से की गई आलोचना अपमान​ में बदल जाती है और एकांत​ में बताने पर सलाह​ बन जाती है|

यह आज के परिवेश में हर माता पिता को ध्यान में रखने योग्य बात हैं| अगर आप सबके सामने आपके बच्चे को खुलेआम उसकी आलोचना करते हुए उसका अपमान करते रहेंगे तो वो आपपर कभी विश्वास नहीं रखेगा और अपनी परेशानियों में हो सकता हैं की वो गलत संगत में चले जाये| क्यों की आपने उसकी आलोचना सबके सामने की जो उसके आत्मसम्मान को ठेस पोहोचाती हैं| इसीलिए जरुरी हैं की आप आपके बच्चे की आलोचना एकांत में ही करे|

खुशी से संतुष्टि मिलती है। और संतुष्टि से खुशी मिलती है। परन्तु फर्क बहुत बड़ा है। खुशी थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है, और संतुष्टि हमेशा के लिए खुशी देती है।

संतुष्ट रहना ये अपने आप में एक साधना से कम नहीं हैं| अगर आप संतुष्ट रहना ही नहीं जानते तो आपको हमेशा पलभर की ही नाशवान ख़ुशी मिलेगी| और ख़ुशी को पाने के हठ में जीवन और भी दुखद होता जायेगा| इसीलिए संतुष्ट होना सीखिए यही सुखी जीवन का सार हैं|

आपका सम्मान उन शब्दों में नहीं है, जो आपके सामने कहे गए, बल्कि उन शब्दों में है, जो आपकी अनुपस्थिति में आपके लिए कहे जाते है।

जिंदगी में मुहपर हर कोई आपको अच्छा ही कहेगा| पर जैसे ही आपने मुह फेर लिया आपकी बुराई के किस्से रचे जायेंगे और कहे जायेंगे| कुछ ही लोग होते हैं जिनके बारे में पीठ पीछे अच्छी बाते होती हैं| ऐसे लोग भी अलग ही होते हैं| वो कभी किसी की बुराई उसके पीठ पीछे नहीं करते| वैसे तो हर सोशल मिडिया प्लेटफार्म का कमेंट सेक्शन आज की तारीख में बुरे कमेंट्स से भरा पड़ा हैं| 

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यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद| आपके अच्छे - बुरे सभी विचारों के लिए निचे कमेंट सेक्शन खुला हैं| खुलकर अपने विचार रखिये और चर्चा कीजिये| अगर ब्लॉग अच्छा लगा हो तो शेयर करिए|

जय श्री राम!


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