भारत माता की जय!
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दौलत
सिर्फ रहन सहन का स्तर बदल सकती है बुद्धि,नियत और
तक़दीर नही।
ये अगर झूठ होता तो आज अमेरिका के लोग जो की दुनिया का सबसे धनी देश हैं अवसाद से ग्रसित न होते| अगर तक़दीर में तकलीफे लिखी हैं तो किसी न किसी रूप में वो आएगी और आपका धन भी आपको उन तकलीफों से मुक्ति नही दे सकेगा| आपकी तक़दीर, आपका भविष्य आपकी नियत तय करती हैं| अगर नियत ही ख़राब होगी तो फिर कभी न कभी वो सबकुछ आपके साथ भी होगा जो कह्राब नियत के चलते आपने दूसरों के साथ किया हैं| और आपकी सोच, आपकी बुद्धि तय करेंगी की आपकी नियत कैसी होगी| रावण को भी उसकी दुर्बुद्धि के कारण ही पराजय का मुख देखना पड़ा जबकि उसकी लंका नगरी सोने की थी| इसीलिए ये समझ लो की तक़दीर, नियत और बुद्धि अगर अच्छे हैं तो गरीबी भी सुख की सरगम बजायेंगी और ये अगर निम्न स्तर के हैं तो दौलत भी काटे ही चुभोयेंगी|
प्रेम, सम्मान
और अपमान ये एक निवेश की तरह हैं जितना हम
दूसरो को देते है, वो हमें जरूर ब्याज सहित वापस मिलता है
हा हमारा बर्ताव एक निवेश की तरह ही तो हैं| अगर हम प्रेम और सम्मान से सबके साथ बर्ताव करेंगे तो हमें भी प्रेम और सम्मान मिलेगा और अगर हम दूसरों को अपमानित करने में ही धन्यता मानेगे तो एक न एक दिन हमारा पतन निश्चित जरुर होगा|
सार्वजनिक
रूप से की गई आलोचना अपमान में बदल जाती है और एकांत
में बताने पर सलाह बन
जाती है|
खुशी
से संतुष्टि मिलती है। और संतुष्टि से खुशी मिलती है। परन्तु फर्क बहुत बड़ा है। खुशी
थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है, और संतुष्टि हमेशा के लिए खुशी
देती है।
आपका
सम्मान उन शब्दों में नहीं है, जो आपके सामने कहे गए, बल्कि उन
शब्दों में है,
जो
आपकी अनुपस्थिति में आपके लिए कहे जाते है।
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यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद| आपके अच्छे - बुरे सभी विचारों के लिए निचे कमेंट सेक्शन खुला हैं| खुलकर अपने विचार रखिये और चर्चा कीजिये| अगर ब्लॉग अच्छा लगा हो तो शेयर करिए|
जय श्री राम!
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