भारत माता की जय!
सुविचार संग्रह में आपका स्वागत हैं|
अनुपयोगिता
से लोहा जंग खा जाता है, स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो
देता है इसी तरह निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है निरंतर सक्रिय रहें
जीवन में।
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मित्रता
एवं रिश्तेदारी सम्मान की नही भाव की भूखी होती है बशर्तें लगाव दिल से होना चाहिए
दिमाग से नही|
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जो
आपके हैं,
वो
आपको देखकर व्यस्त नही हो सकते!
और
जो आपको देखकर व्यस्त हो जायें, वो आपके नही हो सकते!!
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आप
शब्द कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल कीजिए फिर भी सुनने वाला अपने मन की स्तिथि और
अपने विचारों के अनुसार ही उसका मतलब निकालता है|
पर इसका मतलब ये भी नहीं हैं की आप नासमझी भरी बाते करे| कम बोलो पर शब्दों को सही मायनों में पिरो कर बोलो तो सुनने वाले की मनस्थिति भी बदल ज्यादा हैं|
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ताक़त
और पैसा ज़िन्दगी के फल हैं
परिवार
और मित्र जिन्दगी की जड़ हैं
हम
फल के बिना अपने आप को चला सकते हैं
पर
जड़ के बिना खड़े नहीं हो सकते!
हा हमारा परिवार, हमारे मित्रगन हि हमारे जीवन को आनंदित करते हैं और जीवन प्रफुल्लित हो उठता हैं| अगर जीवन में आनंद चाहिए तो परिवार और मित्र जरुरी हैं|
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यहातक पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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जय श्री राम!
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