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Friday, 22 September 2023
भगवान गणेश से सीखें जीवन जीने का तरीका
🧘♂️गणपति गजानंद का स्वरूप ही अपने आप में अनोखा है। गजशीश और मानव शरीर से संयोजित भगवान श्री विनायक अनेक नामों से तो मशहूर हैं ही, साथ में उनका संपूर्ण शरीर ही मैनेजमेंट का जीता-जागता उदाहरण है। इन्हें विघ्नविनाशक, विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। यही वजह है कि इन्हें मैनेजमेंट गुरु भी माना जाता है। हम यहां पर ऐसे ही मैनेजमेंट फंडे बता रहे हैं, जो हम गणेश जी से सीख सकते हैं।
बड़ा सिर, बड़ी सोच :-
गणेश जी का बड़ा सिर बड़ी सोच का दर्शाता है। जो इंसान कामयाब होते हैं वे हमेशा बड़ी सोच रखते हैं। मैनेजमेंट में कहा जाता है थिंक बिग। भगवान का शीश हाथी का है। हाथी मूलत: शांत प्रवृत्ति का होता है, लेकिन चतुर होता है। गणपति का गजशीश भी यही प्रतीकता लिए है। सब कुछ समग्रता के साथ सोचें, उस पर मनन करें और फिर क्रियान्वित करें। उसी मूल के कारण हर कार्य में भगवान श्री गणेश को प्रथम पूजा जाता है।
छोटी आंख, पैनी नजर :-
भगवान गणेश की आंखे शरीर की तुलना में छोटी होती हैं। ये पैनी नजर की ओर इशारा करती है। मैनेजमेंट का भी यही फंडा है कि किसी भी फैसले से पहले सभी पहलुओं पर नजर रखें। छोटी आंखें सूक्ष्मदर्शिता का प्रतीक हैं। लक्ष्यपरक दृष्टि से अपने लक्ष्य पर नजर रखी जानी चाहिए, जैसे चील आकाश में उड़ने के बावजूद अपने शिकार पर नजर गड़ाए रखती है और तुरंत झपट्टा मार लेती है। सफल मैनेजमेंट का सिद्धांत भी यही कहता है कि उद्देश्य पर नजर रखें तभी सफलता का स्वाद मिलेगा।
बड़े कान, ध्यान से सुना :-
गणपति के कान विशालकाय होते हैं। बड़े होने के कारण वे हर छोटी-बड़ी बात को सुनने का प्रतीक हैं। अच्छे मैनेजमेंट के लिए भी यही जरूरी है, आप सभी की बात ध्यान से सुनें। ये तभी संभव है जब आप सचेत रहेंगे। जब आप दूसरे को सुनेंगे नहीं, उसके विचारों को जानेंगे नहीं, तब तक आप सफल प्रबंधक हो ही नहीं सकते।
छोटा मुंह, कम बोलो :-
गणपति सकरात्मकता के प्रतीक हैं। संस्थान में यदि आप सकारात्मक रहेंगे तो भगवान श्री गणेश की भांति लोकप्रिय तो रहेंगे ही, साथ एक सफल प्रबंधन भी कर सकने में समर्थ होंगे। एक अच्छा और सफल प्रबंधक वह होता है, जो भली-भांति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। भगवान गणेश का छोटा मुंह यह बताता है कि बात सोच समझकर बोलें। इंसान को फालतू नहीं बोलना चाहिए।
बड़ी नाक, हालात भांपना :-
सूंड यानी सूंघने की क्षमता, अर्थत हर जगह सजग रहना। हर अच्छी और बुरी चीज को पहचानना। आपकी सफलता काफी हद तक इस बात पर ही निर्भर रहती है कि आपकी ग्रहण शक्ति और पहचानने की क्षमता अच्छी हो। गणपति की सूंड यही सिखाती है। आने वाले हालात को भांपना ही मैनेजमेंट का सबसे बड़ा गुण माना जाता है।
एकदांत, एक लक्ष्य :-
भगवान गणेश से यह भी सीखना चाहिए की किस तरह से मैनेजेंट बैलेंस बनाकर चले। गणपति की नाक के पास उगा एक दांत, जिसके कारण वे एकदंत कहे जाते हैं, वह इस बात का द्योतक है कि मंजिल पर नजर ही एकमात्र लक्ष्य। नाक की सीध में लक्ष्य पर निगाह। टारगेट ओरिएंटेड। एकसूत्रीय कार्यक्रम। यही मैनेजमेंट का भी फंडा है कि टारगेट पर निगाह रखें। भगवान के छोटे पैर बैलेंस का प्रतीक हैं। इससे मैनेजमेंट को संतुलन कैसे बनाना है इसका ध्यान रखना चाहिए।
बड़ा पेट, बातें पचाना :-
भगवान गणेश को लंबोदर भी कहा जाता है। कहते हैं कि किसी भी बात को पचाने के लिए पेट बड़ा होना चाहिए। यदि आप बातों का पचाना जानते हैं तो यह मैनेजमेंट का एक बड़ा गुण माना जाता है। इसे प्रबंधक का खास गुण कहा जाता है। इसका आश्य यह है कि जरा-सी असफलता पर विचलित न हो अपने लक्ष्य से विमुख न हो। उसे सहन करें और अपने लक्ष्य की ओर सतत अग्रसर होते जाएं।
चार हाथ, सभी के साथ :-
भगवान गणेश के चार हाथ हैं। चारों हाथ चार दिशाओं के हैं यानी सफलता प्राप्त करनी है तो चहुंओर या चहुंमुखी प्रयास करना चाहिए। एक हाथ में वे मोदक पकड़े हैं तो दूसरे से आशीर्वाद दे रहे हैं। इसका अर्थ है मैनेजमेंट को सामने वाले से अच्छे संबंध रखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सफल प्रबंधन के लिए ये चारों ही हैं।
👉 नियमों का पाश हो, अनियमितताओं पर अंकुश भी हो, श्रेष्ठकर्ता को पुरस्कार स्वरूप मीठा प्रसाद मोदक और कर्मचारियों को कार्य करने की आजादी यानी अभय का अवसर भी। यह भगवान गणेश का प्रबंधन है।
Wednesday, 20 September 2023
तर्पण
Monday, 18 September 2023
आसक्ति और देखभाल
जिस क्षण आप देखभाल करेंगे, आप योगदान देंगे; जिस क्षण आप परवाह करेंगे, आप ध्यान से जुड़ेंगे।
आसक्ति आपके उन गुणों की बात करती है जिनका आप पोषण करते हैं; आसक्ति आपके भीतर के निम्न केंद्र की बात करती है। देखभाल आपके अंदर के उच्च केंद्रों की बात करती है। निम्न केंद्र आसक्ति से संचालित होता है जबकि उच्च केंद्र देखभाल ऊर्जा से संचालित होता है।
~भजगोविंदम,
Saturday, 16 September 2023
नशा
सर्वनाश की जड--नशा!
बीमारियों की जड--नशा!
दुर्घटना की जड--नशा!
मूर्खता की जड--नशा!
गुलामी की जड़--नशा!
बुद्धि भ्रम की जड--नशा!
बौद्धिक हानि की जड--नशा!
परिवार विखंडन की जड--नशा!
समाज विखंडन की जड--नशा!
सोचने समझने की शक्ति को नशा
समाप्त कर देता है !
अधिक नशा मनुष्य को मानसिक
रूप से पागल कर देता है!
नशा करने के कारण सर्वाधिक
दुर्घटनाएं होती है!
नशा जिस घर में होता है वहां बच्चों का
बौद्धिक विकास रुक जाता है!
नशा करने वाले मनुष्य के घर में
लक्ष्मी नष्ट होने लगती है!
नशा जिस परिवार और गांव में होता है
वो स्थान दरिद्रता को प्राप्त होने लगता है!
नशा करने वालों की शारीरिक और
मानसिक शक्ति घटने लगती है!
नशा केवल नाश है और कुछ नहीं!
नशेड़ी व्यक्ति को लोग लूट लेते हैं!
नशेड़ी व्यक्ति सबके समक्ष हंसी का
पात्र बन जाता है और वह अपना
सम्मान खो बैठता है!
नशा करने के विषय में ज्ञानियों का
मत ही नशा मति को नाश करता है!
जिस राष्ट्र में राजा और प्रजा नशा करते हैं,
वह राष्ट्र संकट में पड़ जाता है!
सभी दुष्कर्मों की जननी नशा ही है!
नशेड़ी व्यक्ति कभी भी संगठित
होकर कोई कार्य नहीं कर सकते!
नशेड़ियों की संख्या जहां अधिक होती है,
वहां दुर्घटना की संख्या और
संभावनाएं बढ़ जाती हैं !
शराब कीड़ों के मल से बनती है!
शराब पीने वाले अधिकांश लोग
मृत्यु के बाद कीड़ों की योनि में जाते हैं!
शराबी-नशेडी व्यक्ति सदैव ही अपनी
महिला को मारता और पीटता है!
कभी कभी वह विवाद इतना बढ़ जाता है,
कि उस व्यक्ति का परिवार नशे और
शराब के कारण टूटने लगता है!
१०० रोगों को नशा ही पैदा करता है!
नशा मनुष्य को घोर अन्धकार की
और ले जाता है और दु:ख कारी मृत्यु
नशेड़ी को प्राप्त होती है!
नशा करके मरने वाले मनुष्यों को
८४ लाख योनियां भुगतनी पड़ती है!
अगले जन्म में वे भी नशा बनाने वाले
कीड़ों के रूप में जन्म लेते हैं,
क्योंकि नशे के प्रति उनकी आसक्ति
उनको कीड़ों के लोक में भेज देती है!
Thursday, 14 September 2023
मैरी की कहानी
मेरी एक सीरियन इसाई महिला थी| केरल के त्रावणकोर में रहती थी| एकदिन उसके डैड गुजर गए| मेरी और उसका भाई उसके डैड के पीछे रह गए|
अगर मेरी हिन्दू होती तो उसे उसके डैड की संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलता उसके भाई के साथ| पर मेरी तो इसाई थी| इसीलिए उसे उसके डैड के संपत्ति में कोई अधिकार नहीं था| इसाई ब्रिटिश काल में बने कानून के कारण ही मेरी को ये अधिकार नहीं था|
पर मेरी ने हार न मानी| उसने अपने भाई जोसेफ के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया| मुकदमा जिला न्यायालय से सर्वोच्च न्यायलय तक गया| मेरी सर्वोच्च न्यायलय में ये मुकदमा जित गयी|
इसाई समाज को ऐसी ही महिलाओ की जरुरत हैं जो अपने अधिकारों के लिए अदालत में कई सालों तक अपना मुकदमा लड़ती रहे और अपने अधिकारों की रक्षा करे, भलेही उसे अपने भाई, पति, या किसी अन्य रिश्तेदार के खिलाफ ही क्यों न लड़ना पड़े|
यह कहानी भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय पर आधारित हैं| आप भी पढ़े और समझे: https://indiankanoon.org/doc/1143189/
Sunday, 10 September 2023
गौमाता
भारत माता की जय!
गौमाता के प्रति श्रध्दा क्यों न हो - वात्सल्य से भरी गौमाता पौष्टिक दूध देती हैं, गौमूत्र और गोबर का खाद देती हैं जिससे उत्तम फसल मिलती हैं, ऐसी स्नेहभरी गौमाता को बारम बार प्रणाम हैं|
गाय
माता से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।
1 गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन
की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।
2 जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस
जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।
3 गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के
गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।
4 जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है
उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।
5 गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास
होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।
6 गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास
होता है ।
7 गौ माता कि एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख
में चन्द्र देव का वास होता है ।
8 गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता
है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।
9 गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता
है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो
गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है ।
10 गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता
है ,
उस
कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है ।
रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है ।
11 एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी
देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।
12 गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र
से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।
13 जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो
तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को
रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा
खुल जाती है ।
14 गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर
परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।
15 गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म
रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे।
16 गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी
देवताओं ने अवतार लिये हैं ।
17 जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध
बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है ।
18 स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो
तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं ।
19 गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी
देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है ।
20 काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत
रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ
पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है ।
21 गाय एक चलता फिरता मंदिर है हमारे सनातन धर्म में
जय
श्री कृष्णा
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Friday, 8 September 2023
बज बारस पूजन विधि - हिंदी
बज बारस पूजन विधि - हिंदी - हमेशा की तरह थोड़ा धन्यवाद और क्षमा के साथ
उसके बाद पथवारी की पूजा करना है - जिसके लिए पांच छोटे पत्थर लेवे उन्हें अच्छे से पानी से धोले। फिर हर चीज से विधिवत पूजा करे। आरती करके प्रणाम करें - यह पत्थर धरती माता के प्रतिक है। उन्हें प्रणाम कर क्षमा मांगे की आप धरती की सही से सेवा नहीं कर पा रहे और धन्यवाद दे धरती माता को की उसने आपको रहने के लिए जगह दी और आपकी सभी जरूरतों को वह पूरा कर रही है।
यह सब होने के बाद कहानी कहना और सभी बड़ो को प्रणाम करना।
मेरी नजर में यह पूजन:सवेरे उठी काम काम काम….
कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...
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भारत माता की जय! सुविचार पढ़ने से मन को शांति भी मिलती है और समस्या का समाधान भी मिलता हैं तथा कर्म करने की उत्तम उर्जा मिलती हैं इसी लिए आपक...
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Bharat Mata Ki Jay! As you know this blog is dedicated to studying only, you all once or more face some depressive situations, and I am here...
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अस्वीकरण: यह कहानी केवल कल्पना का कार्य हैं। किसी भी व्यक्ति अथवा समुदाय से इसका कोई संबंध नहीं हैं। राहुल हर रोज उठता और ऊपरवाले को याद कर...