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Saturday, 16 September 2023

नशा

*विनाश की जड---नशा !*
सर्वनाश की जड--नशा!
बीमारियों की जड--नशा!
दुर्घटना की जड--नशा!
मूर्खता की जड--नशा!
गुलामी की जड़--नशा!
बुद्धि भ्रम की जड--नशा!
बौद्धिक हानि की जड--नशा!
परिवार विखंडन की जड--नशा!
समाज विखंडन की जड--नशा!

सोचने समझने की शक्ति को नशा
समाप्त कर देता है !
अधिक नशा मनुष्य को मानसिक
रूप से पागल कर देता है!

नशा करने के कारण सर्वाधिक
दुर्घटनाएं होती है!
नशा जिस घर में होता है वहां बच्चों का
बौद्धिक विकास रुक जाता है!

नशा करने वाले मनुष्य के घर में
लक्ष्मी नष्ट होने लगती है!
नशा जिस परिवार और गांव में होता है
वो स्थान दरिद्रता को प्राप्त होने लगता है!

नशा करने वालों की शारीरिक और
मानसिक शक्ति घटने लगती है!
नशा केवल नाश है और कुछ नहीं!
नशेड़ी व्यक्ति को लोग लूट लेते हैं!

नशेड़ी व्यक्ति सबके समक्ष हंसी का
पात्र बन जाता है और वह अपना
सम्मान खो बैठता है!

नशा करने के विषय में ज्ञानियों का
मत ही नशा मति को नाश करता है!
जिस राष्ट्र में राजा और प्रजा नशा करते हैं,
वह राष्ट्र संकट में पड़ जाता है!

सभी दुष्कर्मों की जननी नशा ही है!
नशेड़ी व्यक्ति कभी भी संगठित
होकर कोई कार्य नहीं कर सकते!

नशेड़ियों की संख्या जहां अधिक होती है,
वहां दुर्घटना की संख्या और
संभावनाएं बढ़ जाती हैं !

शराब कीड़ों के मल से बनती है!
शराब पीने वाले अधिकांश लोग
मृत्यु के बाद कीड़ों की योनि में जाते हैं!

शराबी-नशेडी व्यक्ति सदैव ही अपनी
महिला को मारता और पीटता है!
कभी कभी वह विवाद इतना बढ़ जाता है,
कि उस व्यक्ति का परिवार नशे और
शराब के कारण टूटने लगता है!

१०० रोगों को नशा ही पैदा करता है!
नशा मनुष्य को घोर अन्धकार की
और ले जाता है और दु:ख कारी मृत्यु
नशेड़ी को प्राप्त होती है!

नशा करके मरने वाले मनुष्यों को
८४ लाख योनियां भुगतनी पड़ती है!
अगले जन्म में वे भी नशा बनाने वाले
कीड़ों के रूप में जन्म लेते हैं,
क्योंकि नशे के प्रति उनकी आसक्ति
उनको कीड़ों के लोक में भेज देती है!


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