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Saturday, 12 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: पागलपन: भाग ४




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पूरी जांच के बाद सीमा का इलाज शुरू हो गया था| जो भी दवाइयाँ दी जा रही थी उसका असर हो रहा था| उसे शामतक होश भी आ गया था| उसे होश में आते देख उर्मिला को चैन मिला| उसने तुरंत डॉक्टर को बुलाया| डॉक्टर ने आकर देखा और कहा, “पेशंट अब खतरे के बाहर हैं|” ये सुनकर चिंता में दुबे नागनाथ को भी थोड़ी उम्मीद जगी|

पर जो सीमा जागी वो अलग थी| वो घडी में रो रही थी घडी में पीड़ा में चीख रही थी|

वह मल्यालम में बड़बड़ा रही थी, “ഞങ്ങ നിന്നോട് എന്ത് ചെയ്തു. ദൈവത്തെപ്രതി നമുക്ക് പോകാം. എന്നെ കൊല്ലരുത്.”

वो फिर जोर जोर से चिल्लाने लगी, “എന്റെ വയറു കടിക്കരുത്. ഇല്ല! ഇല്ല! ഭസ്ഥ ശിശുക്ക നിങ്ങക്ക് എന്ത് ദോഷമാണ് ചെയ്തത്?

सीमा का ये हाल देखकर उर्मिला घबरा गयी और जोर-जोर से रोने लगी| नागनाथ ने उसे शांत करने की कोशिश की| पर जवान बेटी को ऐसी हालत में देखकर नागनाथ भी कही अन्दर से टूट गया था|

डॉक्टरी सलाह पर साइकोलोजिस्ट को बुलाया गया| पूरी साइकोलॉजिकल जाँच होने के बाद यह बात सामने आई की सीमा पागल हो गयी हैं|

ये सुन उर्मिला ने रोना शुरू कर दिया और जवान बेटी का पागलपन देख कर नागनाथ की तो हिम्मत ही टूट गयी थी| पर थोड़ी देर में उन्होंने अपने आप को संभाला और सीमा को वापस दुर्ग लेकर जाने के फैसला किया|


लेखिका: रिंकू ताई

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