कृपया, पूरी कथा पढ़ने के
लिए अनुक्रम पर जाए|
एर्नाद के उस छोटे से
अस्पताल के डॉक्टर को कुछ समझ नहीं आ रहा था की सीमा की बेहोशी की वजह क्या हैं?
ऑक्सीजन लगा कर, उस डॉक्टर ने तुरंत सीमा को थिरुवनंतपुरम के बड़े अस्पताल में ले जाने
की सलाह दी|
जो भी स्थिती थी,
करिश्मा को समझ गया था की उससे अकेले से कुछ नहीं होगा| करिश्मा ने उर्मिला से कहा
“आंटी यहाँ कुछ समझ नहीं आ रहा की क्या हो रहा हैं? आप जल्द ही यहाँ आ जाइये मैं
सीमा को अम्ब्युलेंस में लेकर थिरुवनंतपुरम पोहोचती हु|”
अगली सुबह करिश्मा ने
सीमा को थिरुवनंतपुरम के बड़े अस्पताल में भर्ती करा दिया था और सीमा के माता-पिता
उर्मिला और नागनाथ भी वहा पोहोच गए थे| करिश्मा ने अस्पताल के सारे कागजात उर्मिला
को दिए और वो अपने घर अपनी जॉब का कारण बताकर चली गयी|
कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|
लेखिका: रिंकू ताई
No comments:
Post a Comment