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दो दिन बाद सीमा अपने घर पर थी, अपने शहर दुर्ग में थी| सीमा अभी भी मल्यालम में बडबड किये जा रही थी| उसकी हालत देख कर माँ-पिता के ह्रदय की पीड़ा और बढ़ रही थी|
वो बीमार हैं ये सुनकर
कई नातेदार मिलने भी आ रहे थे| पर उसकी हालत देखकर उर्मिला और नवनाथ को सांत्वना
देकर जा रहे थे|
फिर एक दिन सीमा की दूर
की मौसी किरण उससे मिलने आई| किरण को बाकि नातेदारों से सीमा की हालत का पता चल
गया था| किरण को तंत्र और ज्योतिष विद्या का ज्ञान था और भुत भगाना, वशीकरण
उतारना, इत्यादि काम वो कई सालों से कर रही थी| और इसीलिए वो सीमा को ध्यान से
देखने ही आई थी| उर्मिला को वो सिर्फ मदत करना चाहती थी|
लेखिका: रिंकू ताई
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