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Saturday, 12 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: सीमा ही क्यों?: भाग १


कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|


उर्मिला और नागनाथ को शांत कर, किरण सीमा के पास गयी| उसने सीमा के चेहरे को ध्यान से देखा| किरण को उस चेहरे में एक ऐसी पीड़ा नजर आ रही थी, जो किसी माँ के चेहरे पर होती हैं, अपने बच्चे को खोने के बाद|

किरण ने गरुड़ पुराण से कुछ मन्त्र पढ़े और सीमा को शांत होने के लिए कहा| सीमा सुबकते हुए चुपचाप बैठी रही|

फिर किरण ने पूछा, “कौन हो तुम?”

सीमा ने मल्यालम में कहा, “എന്റെ പേര് അമുക്തി

किरण को मल्यालम नहीं समझ रही थी|

तब किरण ने थोडा जोर देकर कहा, “मैं जानती हु, तुम्हे मेरी बोली बात समझ रही हैं| मैं कोई तुम्हारी दुश्मन नहीं हु| ये भी जानती हु की, तुम कुछ कहना चाहती हो| पर क्या? ये मैं नहीं समझ सकती क्यों की तुम मल्यालम में कह रही हो| मुझे मल्यालम नहीं आती| इसीलिए हिंदी में कहो| तभी मैं कुछ कर सकुंगी|”


लेखिका: रिंकू ताई

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