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ये सुन, सीमा थोड़ी देर
के लिए बिलकुल चुप हो गयी|
थोड़ी देर के बाद, वो फिर
से जोर से सासे लेने लगी, उसकी आखे गोल घुमने लगी, दांत भींचने लगे और वो फिर से
बेहोश हो गयी| किरण ये देखकर विचलित हो गयी| पर उसने हिम्मत नहीं हारी|
वो उर्मिला और नागनाथ के
पास गयी और उसने कहा, “ये बात पक्की हैं की वो पिशाचिनी केवल अपनी बात कहना चाहती
हैं| नहीं तो अबतक सीमा को आढाटेढ़ा कर कई बार उसने पटक दिया होता| पर समस्या ये
हैं की, उसकी बात कोई नहीं समझ सकता; क्यों की वो मल्यालम में बोल रही हैं| हम में
से किसी को भी मल्यालम नहीं आती| तो हमें ही उपाय करना पड़ेगा|”
लेखिका: रिंकू ताई
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