कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|
आगे आमुक्ति ने बताया,
“लोग आपस में मिल रहे थे| बाते कर रहे थे| ‘हर हर महादेव’ का उद्घोष थोड़ी-थोड़ी देर
में सब कर रहे थे| तभी एक महिला ने सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करते हुए कहा, ‘इस
अंग्रेजी हुकूमत ने हमसे हमारे हथियार छीन लिए हैं| आज भले ही हम तलवार-त्रिशूल
नहीं रख सकते पर अपनी घर की महिलाओं और कन्याओ को खेती के काम में उपयोग में आने
वाले औजार जैसे खुरपी, कुल्हाड़ी, चक्कू इत्यादि चलाना सिखाओ न जाने कब काम आये|
आत्मरक्षा के लिए ये जरुरी हैं| ये बात सुनकर पूरी धर्मशाला में कालीमाता का
जयकारा गूंजने लगा|”
किरण ने पूछा, “उस समय
ऐसी भी महिलाए होती थी, जो सबको प्रभावित कर सके?”
लेखिका: रिंकू ताई
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