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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: विवाह: भाग १

       


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दोपहर के खाने में किरण ने सब्जी रोटी का साधा भोजन बनाया| आमुक्ति ने वह भी शांति से खाया| खाना होने के बाद किरण और आमुक्ति कोठी के बरामदे में बैठी थी| किरण उसे खबरे पढ़कर सुना रही थी| एक खबर पुष्कर मेले की थी| वह खबर सुन आमुक्ति के चेहरे पर गुलाबी रंग छा गया| ये देख किरण ने पूछा, “क्या हुआ?”

आमुक्ति ने कहा, “मैं ग्यारह साल की रही होगी, तब अयालुर में भगवान शिव का मेला लगा था| मैं भी अपने परिवार के साथ, मेरे गाव कट्टुर से, उस मेले में गयी थी| मेरी बड़ी बहन भी थी मेरे साथ थी| वहा हम लोग धर्मशाला में रुके थे| उस धर्मशाला में कई जगहसे अलग-अलग लोग आये थे| सब शिव भक्त थे| हम लोग पुरे पंद्रह दिन के लिए वहा गए थे|”


लेखिका: रिंकू ताई

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