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किरण को देखकर उर्मिला और
नागनाथ थोड़े परेशान से हो गए थे| कारण केवल उसका तांत्रिक होना था| और ये दोनों इन
बातों पर जरा भी विश्वास नहीं करते थे| पर वो इतने हताश थे की, वो दोनों अब तंत्र
मन्त्र का भी सहारा लेने के लिए भी तैयार थे| बस उन्हें उनकी प्यारी बेटी वापस
पहले जैसी चाहिए थी|
सीमा को देखते ही उसने
कहा, “दीदी आप मानोगी नहीं, पर सीमा पर पिशाचिनी का साया हैं| किसी ऐसी पिशाचिनी
का जो पेट से थी तब बड़ी बेरहमी से मारी गयी हो|”
ये सुन उर्मिला ने कहा,
“मेरी सीमा ने किसी का क्या बिघाडा हैं, जो उसे किसी पिशाचिनी ने पकड़ लिया हैं?”
किरण बोली, “उस पिशाचिनी
की सीमा से कोई दुश्मनी नहीं हैं| वो बस सीमा को माध्यम बना कर कुछ कहने की कोशिश
कर रही हैं|”
उर्मिला ने पूछा, “सीमा
से दुश्मनी नहीं, तो फिर सीमा को ही क्यों चुना उस पिशाचिनी ने?”
लेखिका: रिंकू ताई
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