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उर्मिला ने पूछा, “फिर
क्या हुआ?”
फिर कुछ नहीं, “माहवारी
के नियम मुझे समझाए गए| और उन नियमो का पालन करते हुए पांच दिन बीत गए| पाचवे दिन
मैं शुद्ध हुई| मेरी पसंद की खीर बनायीं गयी और विशु कट्टा, वत्तयाप्पम, कच्चे
नारियल की मिठाई, रस्सम भात, इडली सांबर, कच्चे केले के भजिये इत्यादि पकवानों का
खाना मुझे खिलाया गया| उसदिन मैं बहुत सुंदर दिख रही थी| मैंने पहली बार लाल साड़ी
पहनी थी| मेरे बालों में मोगरा और अबोली की मालाये सजाई गयी| उसदिन मेरे परिवार के
सभी लोग एकसाथ आये थे| और उसदिन मेरी एक देवी की तरह पूजा की गयी| भजन और कीर्तन
के बाद मुझे कई उपहार दिए गए और मेरी साडी के आचल में चावल के साथ हल्दी और सूखे
हुए मेवे दिए गए| यह अनुभव मेरे लिए बहुत सुखद था|”
लेखिका: रिंकू ताई
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