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उर्मिला फिर चिल्लाई,
“तुम तो पिशाचिनी हो| तुम्हे क्या पता माँ की ममता क्या होती हैं? वो मुझे सब
बताती थी|”
आमुक्ति ने कहा, “अच्छा!
मैं बारह साल की हो गयी थी, तब से मेरी माँ मुझे माहवारी के बारे में पूछती रही|
पंद्रह साल की हुई तब पहली माहवारी आई और मेरा विवाह हो गया और उसके बाद मेरी माँ
के साथ-साथ मेरी सास भी मुझे माहवारी के बारे में पूछने लगी| तुम आज कल के मॉडर्न
लोग लडकियों के साथ खुद माहवारी के बारे में बात नहीं करते| क्या तुमने कभी सीमा
से उसके माहवारी के बारे में पूछा?”
उर्मिला ये सुन अचम्भित
रह गयी, क्यों की सीमा जब से कॉलेज में जाने लगी थी तब से माँ ने कभी उसे इसके
बारे में पूछा ही नहीं| कई साल हो गए, क्यों की सीमा इस सवाल से चिढ जाती थी, उसे
गन्दा लगता था| और थिरुवनंतपुरम गए उसे दस महीनो से ज्यादा हो गए थे और उसने कभी
इस विषय पर बात ही नहीं की|
लेखिका: रिंकू ताई
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