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Saturday, 12 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: सीमा ही क्यों?: भाग ६

 


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अट्टहास करती हुई आमुक्ति बोली, “हमारा जमाना अच्छा था| लोगों में शर्म भी थी| पर घर की महिलाए आपस में इस विषय पर बात करती थी| इसीलिए न कभी माहवारी में पीड़ा होती थी, न कभी गर्भावस्था में तकलीफ और प्रसव भी सरलता से हो जाता था; क्यों की पीड़ा का इलाज मिल जाता था| किसी से कोई बात नहीं छिपती थी और हम लडकियों को ये भी बताया जाता था की आदमियों से कितनी दुरी बनाकर बात करना|”

आमुक्ति की बात बिलकुल किसी दादीजी की तीखी टिपण्णी की तरह उर्मिला और नागनाथ के ह्रदय में चुभ गयी|

फिर अमुक्ति ने डरावने स्वर में जोर से कहा, “ये पेट से हैं इस बारे में करिश्मा को पता था| पर मैंने ही उससे उस डाक्टरी रिपोर्ट को फाइल में से निकलवाया; क्यों की अगर सीमा के बच्चे गिरा दिए जाते तो मैं फिर इस पिशाच योनी में भटकने लगती| फिर न जाने कब मेरे और मेरे होने वाले बच्चो की मुक्ति का साधन हो पता| अब तुम्हे मुझ पर भरोसा नहीं हो तो खुद जांच कर लो| पर याद रखना इसके बच्चे मत गिराना|”

इतना कहने के बाद आमुक्ति नाम की उस शक्तिशाली पिशाचिनी ने लाल रंग की आखे चमकाई| ये देख तीनो डर गए|



लेखिका: रिंकू ताई

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