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उसके बाद सीमा को प्रसाद
की खीर खिलाई गयी| अब सीमा कुछ शांत हो गयी थी| उसके मन की पीड़ा कुछ शांत होते दिख
रही थी, जैसे मानो वो पिशाचिनी अब उसके साथ हैं ही नहीं|
अब किरण ने उससे पूछा,
“अब क्या तुम हमें बताओगी, तुम कौन हो?”
डरावने से सुर में सीमा
ने जवाब दिया, “मेरा नाम आमुक्ति हैं?”
किरण ने आगे पूछा, “तो
बताओ आमुक्ति, तुमने सीमा को ही क्यों चुना?”
आमुक्ति हसने लगी और
उसने बताया, “सीमा पेट से हैं और उसके पेट में जुड़वाँ बच्चे हैं!”
उर्मिला ने चिल्लाते हुए
कहा, “ये हो ही नहीं सकता! सीमा मुझे सब बताती थी|”
आमुक्ति ने और जोर से
अट्टहास करते हुए कहा, “तुम कैसी माँ हो? तुम्हे इतना भी नहीं पता, वो तुम्हे वही
बताती थी जो तुम सवाल करती थी|”
लेखिका: रिंकू ताई
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