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सीमा का अँधा प्यार
देखकर आमुक्ति से रहा नहीं गया और वो सीमा के सामने प्रगट हो गयी| कमरे से आ रही
अजीबोगरीब आवाज सुनकर किरण कमरे की तरफ आ गयी| उसने सीमा को शांत किया और आमुक्ती
ने फिर से सीमा के शरीर पर कब्ज़ा कर लिया| अबकी बार आमुक्ति बड़ी गुस्साई हुई थी|
किरण ने पूछा, “क्या हुआ आमुक्ति, आप इतनी विचलित क्यों हैं?”
आमुक्ति सीमा को लेकर
बाहर सोफे पर आकर बैठ गयी और बताया, “इस लड़की का कुछ नही हो सकता| इसे ये पता भी
नहीं जो खेल अरमान इसके साथ खेल गया उस खेल की शिकार न जाने कितनी लडकिया पिछले सौ
सालों में हुई हैं| पिशाच लोक में ऐसी न जाने कितनी लडकिया हर रोज आती हैं| पीड़ा
में तड़पती रहती हैं|”
किरण उसकी तरफ कई सवालों
को अपने मन में लिए देख रही थी|
लेखिका: रिंकू ताई
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