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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: पिशाच लोक की व्यथा: भाग ३

 


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आमुक्ति ने कुछ याद करते हुए कहा, “अब यही देखो एक बूढी पिशाचिनी थी मेरे पिशाचलोक में, करीब १४०० सालों से वो वहा रह रही थी| उसने ऐसी ही बुरी विचारधारा रखने वाले एक पागल का विरोध किया| पर उस पागल को मानने वाले लोगों ने उस बूढी को पकड़कर उसके सामने लाया| बूढी ने उस पागल पर लिखी कविताएं जोर-जोर से बोलना शुरू की| उस पागल को गुस्सा आया और उसने इस बुढी महिला के पैर दो घोड़ो से बांध कर, उन दो घोड़ो को विपरीत दिशा में हाक दिए| बूढी महिला के दो टुकड़े हो गए और वो मर गयी| वो आजतक भटक रही हैं| इतनी दर्दनाक मौत मरने वाली महिलाओं से पूरा पिशाचलोक भरा पड़ा हैं और वहा से निकलने का मार्ग आसान नहीं हैं|”

किरण ने कुतूहल से पूछा, “फिर आप कैसे सीमा तक पोहोची?”


लेखिका: रिंकू ताई

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