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आमुक्ति ने कुछ याद करते
हुए कहा, “अब यही देखो एक बूढी पिशाचिनी थी मेरे पिशाचलोक में, करीब १४०० सालों से
वो वहा रह रही थी| उसने ऐसी ही बुरी विचारधारा रखने वाले एक पागल का विरोध किया|
पर उस पागल को मानने वाले लोगों ने उस बूढी को पकड़कर उसके सामने लाया| बूढी ने उस
पागल पर लिखी कविताएं जोर-जोर से बोलना शुरू की| उस पागल को गुस्सा आया और उसने इस
बुढी महिला के पैर दो घोड़ो से बांध कर, उन दो घोड़ो को विपरीत दिशा में हाक दिए|
बूढी महिला के दो टुकड़े हो गए और वो मर गयी| वो आजतक भटक रही हैं| इतनी दर्दनाक
मौत मरने वाली महिलाओं से पूरा पिशाचलोक भरा पड़ा हैं और वहा से निकलने का मार्ग
आसान नहीं हैं|”
किरण ने कुतूहल से पूछा,
“फिर आप कैसे सीमा तक पोहोची?”
लेखिका: रिंकू ताई
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