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करिश्मा ने कहा, “अरमान
को मैं अपने बचपन से चाहती थी| वही मेरा होने वाला शौहर हैं, ये बात मुझे बचपन से
ही बताई गयी थी| मैं नहीं जानती की हमारी शादी के पहले उसे कभी ये बताया भी गया था
या नही की मैं उसकी होनेवाली बीवी हु| उसे कभी मुझमे कोई इंटरेस्ट था ही नहीं| पर
मैंने अपने मजहबी तालीम के हिसाब से उसे अपने सर का ताज बना कर रखा था| जब हमारी
शादी हुई तब भी उसके चार लडकियों के साथ सम्बन्ध थे| वो तब १८ साल का था| एक दिन
उसने उसकी एक प्रेमिका से मिलवाया और कहा की मैं उसकी मौसेरी बहन हु| वो लड़की दो
महीनो की प्रेगनेंट थी पर अपना रिलिजन छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी| इसीलिए अरमान
उसका एबॉर्शन करवाना चाहता था| फिर उसने मुझे कहा की मैं उस लड़की को अस्पताल लेकर
जाऊ और उसका एबॉर्शन करवाउ| अरमान ने उस लड़की के जूस में नशे की दवा मिला दि थी|
वो लड़की बेहोश होने के बाद अरमान ने हम दोनों को सरकारी अस्पताल के बाहर छोड़ दिया
और चला गया| मैंने उस लड़की का नाम पता गलत लिखा और उसका एबॉर्शन करवा दिया| मेरे
हाथ में उसी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. काजी के नाम का परचा था| फिर क्या ये
हर दो-तिन महीनों में ये एक बार होने लगा|”
लेखिका: रिंकू ताई
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