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पर आमुक्ति क्या कहना
चाहती हैं? क्या वो जय विजय – उसके होने वाले बच्चों के बारे में कुछ कहना चाहती
हैं? या उस दर्दनाक हादसे के बारे में कहना चाहती हैं जिसमे उसकी जान चली गयी? या
उसके किसी गुनाहगार के चेहरे से वो पर्दा हटाना चाहती हैं?
अनेक सवाल मन में लिए
किरण सीमा को लेकर वापस दुर्ग पोहोच गयी|
किरण ने उर्मिला और
नागनाथ को भरोसे में लिया और कहा की, “दुर्ग के पास धनोरा नाम का एक छोटा सा गाव
हैं| वहा किरण की कोठी भी हैं और सीमा को वहा कोई पहचानता भी नहीं| क्यों न सीमा
को वहा शिफ्ट कर देते हैं| आमुक्ति सीमा के बच्चों को अबोर्ट नहीं करने देगी उल्टा
सीमा की तकलीफ बढ़ेगी|” दोनों इसके लिए राजी हो गए| पर आमुक्ति की रजामंदी अभीभी
जरुरी थी|
लेखिका: रिंकू ताई
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