Followers

Saturday, 12 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: पागलपन: भाग २

 


कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|

गाड़ी में बैठने के बाद सीमा ने कहा, “चलो अब लौट चलते हैं, अब थकान महसूस हो रही हैं|”

करिश्मा ने भी हाँ भरी और दोनों अपने होटल पर पोहोची| थोड़ी देर आराम करने के बाद दोनों ने डिनर लिया और फिर सीमा अपनी माँ उर्मिला के साथ बात करने लगी|

उसने बताया की आज उसने क्या-क्या देखा? कहा-कहा गयी? क्या-क्या किया? जैसे ही उसने मजार का जिक्र किया अचानक उसकी सास फूलने लगी, आँखे गोल घुमने लगी, दात भिचने लगे और वो क्या बोल रही हैं ये उर्मिला को कुछ समझ में नहीं आ रहा था| और सीमा बेहोश हो गयी| सीमा को ऐसी हालत में देख करिश्मा ने होटल रिसेप्शन पर मदत मांगी और उसे नजदीकी अस्पताल में लेकर गए|

लेखिका: रिंकू ताई 

कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|



No comments:

Post a Comment

सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...