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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: पिशाच लोक की व्यथा: भाग ७

   


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आमुक्ति ने कहा, “फिर एक दिन वो अरमान के साथ आई| मैंने अरमान को ध्यान से देखा| अरमान किसी दरिन्दे से कम नहीं दिखता था| पता नहीं लडकियों को उसमे क्या पसंद आता था| और मैंने अरमान के खून से सने हाथ भी देखे, कई गर्भस्त शिशुओ के खून से सने हाथ| जो लड़की उसके कहने पर अपना धर्म नहीं छोड़ती थी वह उस लड़की का एबॉर्शन करवा देता था और उसके साथ सारे सम्बन्ध ख़त्म कर देता था| और जो लड़की उसका कहना मान लेती थी वो उसे ज्यादा पैसों का लालच देकर कही और भेज देता था| कई लडकिया अकेले अरमान ने अपने प्यार में फसा रखी थी| फिर मैंने करिश्मा को एक बार ध्यान से देखा तो उसके हाथ भी खून से सने थे – वही गर्भस्त शिशुओ का खून| करिश्मा उन लडकियों के साथ दोस्ती करती थी जिसका एबॉर्शन करवाना हैं| फिर करिश्मा उस लड़की को नशे की दवा दे बेहोश करती थी और अस्पताल लेकर जाती थी और उस लड़की का एबॉर्शन करवा देती थी| उस लड़की का नाम, पता, सब गलत लिखवाती थी अस्पताल के फॉर्म में| बस फिर मैंने ठान लिया की करिश्मा के जरिये मुझे किसी से कुछ नहीं कहना हैं|”


लेखिका: रिंकू ताई

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