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आमुक्ति ने
कहा, “फिर एक दिन वो अरमान के साथ आई| मैंने अरमान को ध्यान से देखा| अरमान किसी
दरिन्दे से कम नहीं दिखता था| पता नहीं लडकियों को उसमे क्या पसंद आता था| और
मैंने अरमान के खून से सने हाथ भी देखे, कई गर्भस्त शिशुओ के खून से सने हाथ| जो
लड़की उसके कहने पर अपना धर्म नहीं छोड़ती थी वह उस लड़की का एबॉर्शन करवा देता था और
उसके साथ सारे सम्बन्ध ख़त्म कर देता था| और जो लड़की उसका कहना मान लेती थी वो उसे
ज्यादा पैसों का लालच देकर कही और भेज देता था| कई लडकिया अकेले अरमान ने अपने
प्यार में फसा रखी थी| फिर मैंने करिश्मा को एक बार ध्यान से देखा तो उसके हाथ भी
खून से सने थे – वही गर्भस्त शिशुओ का खून| करिश्मा उन लडकियों के साथ दोस्ती करती
थी जिसका एबॉर्शन करवाना हैं| फिर करिश्मा उस लड़की को नशे की दवा दे बेहोश करती थी
और अस्पताल लेकर जाती थी और उस लड़की का एबॉर्शन करवा देती थी| उस लड़की का नाम,
पता, सब गलत लिखवाती थी अस्पताल के फॉर्म में| बस फिर मैंने ठान लिया की करिश्मा के
जरिये मुझे किसी से कुछ नहीं कहना हैं|”
लेखिका: रिंकू ताई
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