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आमुक्ति ने कहा, “आज
शामको कुछ मीठा बनाना| नारियल का हो तो और अच्छा| एक काम करते हैं मैं ही बनाती
हु|”
शाम को आमुक्ति ने खाना
बनाया| सब लोग साथ में बैठकर भोजन कर रहे थे| नागनाथ ने पूछा, “आपके विवाह के बाद
आप अपने पति के साथ कहा घुमने गई थी?”
ये सवाल सुनते ही
आमुक्ति स्मृतियों के सागर में गोते लगाने लगी थी| और उसने कहा, “विवाह के बाद
पंद्रह दिन तक मेरे सासुमा ने मुझे आत्मरक्षा कैसे करनी है इसकी शिक्षा दी| इन
पंद्रह दिनों तक मैंने मेघश्याम का चेहरा तक नहीं देखा| पंद्रह दिन बाद हम दोनों
को देवदर्शन यात्रा के लिए जाने की तैयारी करने के लिए कहा गया|”
लेखिका: रिंकू ताई
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