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किरण ने आमुक्ति ने
बताया वैसा ही खाना सीमा के लिए बनाया| आमुक्ति केरल से थी, तो उसने केरल की
पारम्परिक शुध्द शाकाहारी डिशेस की एक लम्बी लिस्ट दे दी थी किरण को| किरण ने आज
उसके लिए बीटरूट की खिचड़ी बना दी थी|
किरण के हाथ का खाना
खाकर आमुक्ति भावुक हो गयी उसके आँख में आसू देख किरण ने पूछा, “क्या हुआ?”
आमुक्ति ने कहा, “दादी
की याद आ गयी|”
आमुक्ति और भी कुछ कहना
चाहती थी| पर किरण ने रोका और कहा, “मैं केरल के पुरे धार्मिक रीती रिवाज तो नहीं
जानती पर इतना जरुर जानती हु की उससे मिलते-जुलते धार्मिक रिवाज हर जगह होते हैं|
बस मैं इतना चाहती हु की तुम्हारी बात सीमा भी सुने और सीमा के होने वाले बच्चे भी
समझे| तीनो को धर्म से अवगत कराना चाहती हु जिससे आगे चलकर ये तीनो धर्म-विरोधी न
हो| मैं तुम्हारी बाते रिकॉर्ड करना चाहती हु अगर तुम ठीक समझो तो|”
लेखिका: रिंकू ताई
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