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अरमान को जितना बैंक की
नौकरी कर एक साल में मिलता था उतना वो और उसके दोस्त एक लड़की को विदेश में बेच कर
कमा लेते थे| अगर उसदिन तुम बेहोश न भी होती तो भी मैं तुम्हे नहीं मारती क्यों की
महीनेभर में तुमसे और हमारे उन बच्चो से मुझे लगाव हो गया था| मैं अरमान को तुमसे
शादी करने के लिए मजबूर करती थी| पर अरमान ने कभी किसी से प्यार ही नहीं किया| मुझ
से भी नहीं| उसे सिर्फ पैसों से मतलब था|
तुम्हारे दिल में जो
सबके लिए प्यार हैं उसके वजह से आज तुम सही सलामत हो| जहा भी रहो खुश रहना| मैं तो
अपने गुनाहों की सजा भुगत रही हु पर मुझे इस बात की तस्सल्ली हैं की मैंने तुम्हारे
साथ कुछ बुरा नहीं किया|
लेखिका: रिंकू ताई
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