Followers

Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: बचपन के दिन: भाग ४

       


कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|


आमुक्ति आगे बोलने लगी, “मैं दादी को पूछती थी, वो कौनसे काम हैं जो सिर्फ एक लड़की ही कर सकती हैं? तो दादी हसकर जवाब देती थी, रुक जा अभी नहीं सही समय आने पर बताउंगी| दादी के साथ बैठकर घंटो तक रामायण महाभारत की कहानिया सुनते थे| कभी दादी भगवद्गीता याद करवाती थी| दादी को गणित अच्छे से आता था, माँ को भी दादी ने ही सिखाया था और वो हमें भी सिखा रही थी| बस आज के जैसे कागज पर नहीं बल्कि जमीन पर हम लोग गणित करते थे| अंग्रेजो के हिसाब से हम लोग नीची-जाती ठहरे इसीलिए जो भी मंदिर अंग्रेजो के नियंत्रण में होता था उस मंदिर में हमारा प्रवेश वर्जित होता था| हा पर अगर दो रुपये कर दे दो तो अंग्रेज सिपाही हमें मंदिर में आने देते थे|”

उर्मिला ने पूछा, “और आपकी पढाई?”


लेखिका: रिंकू ताई

कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|


 

No comments:

Post a Comment

सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...