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Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: देवदर्शन यात्रा: भाग ६

  




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आमुक्ति ने अट्टाहस किया और उत्तर दिया, “दर्शन मेघश्याम ने किया| मैं मंदिर के बहार बैठकर भजन कर रही थी| वहा ऐसी स्त्री का प्रवेश वर्जित था, जिसे माहवारी आती हो| अब इसके पीछे कई कारण हैं| शास्त्रों के अनुसार कार्तिकेय स्वामी ब्रम्हचारी थे इसीलिए उनके मंदिर में स्त्रिया दर्शन पूजन नहीं कर सकती थी| और दूसरा कारण जो मेरी नानी ने मुझे बताया वो भी हैं|”

किरण ने पूछा, “वो क्या कारण था?”

आमुक्ति ने कहा, “शरीर और मन का गहरा नाता हैं| मन में अगर पीड़ा हैं तो शरीर भी अस्वस्थ होता हैं| हर महीने चार दिन के नियम कुछ अलग हैं| हर घर में अलग हैं| कोई पालता हैं कोई नहीं| पर इन नियमो के पीछे एक कारण उत्तम संतति का जन्म| अगर कोई महिला अपने पति के साथ इन चार दिनों में सहवास करे और वह गर्भवती हो जाए तो होने वाला शिशु या तो बचेगा नहीं, अगर बच भी गया तो वो शारीरिक अथवा मानसिक बीमारी से ग्रसित रहेगा| इसीलिए इन चार दिनों में कोई भी काम स्त्री से करवाया नहीं जाता था| अब जब उसे किसी जगह स्पर्श ही नहीं करना हैं तो उसका पती भी उसे स्पर्श नहीं करता था और न ही सहवास होता था|”


लेखिका: रिंकू ताई

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