सोनारी दांडी राजा रूपारी तोलडी
तो तोले ओ गांधी रो बेटो कस्तुरीजी
गांधी डो तोले सा ऽ राजा दशरथजी तुलावे
म्हारे पितर देवतारे अंग चठे ।।१ II
बाळु पितर तुट्या राजा देवेरे आशिश
बदजो म्हारा भाई भतीजा अंत घणो
बडजु बदजोऽ राजा दुबजू पसरजो
फळजो म्हारे लिलोडा नारेळारा रुखजू ॥२ ॥
घी भर दिवलो ऽ तू जोय बहु सासु बवा
आज थारा पित्तर पुरावे मनरी रळी
सोनारी सुपारी तू तो चाड बहु दिवर जिठाण्या
आज थारा पितर पूरावे मनरी रळी ।।३।।
नोट: गांधी की जगह कुलनाम (सरनेम) कहना
दशरथजी की जगह परिवार में जितने भी पुरुष है जिनके बेटे हुए है उन सबके नाम लेना। किसी बेटे के पिताजी का स्वर्गवास हुआ तो भी उनका नाम दशरथजी की जगह लेना।
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