हनुमानजी
एक फूल धरतीने दुजोरे आकाश, इंगण्यो फूल हनुमंतारे जाय
इंगण्यो फूल बलवंतारे जाय, आज रंग फूलडा बिन मोरी जाय,
सरस रंग फूलडा बिन मोरी माय ॥धु॥
कुण थारी माताने कुण थारा पिता, कुण थारो नाव
धर्यो बजरंग आज रंग फूलडा बिन मोरी माय ॥१ ॥
अंजनी म्हारी माता, पवन म्हारा पिता, रामचंद्र नांव धर्यो
हनुमान, रामचंद्र नांव धन्यो बजरंग आज रंग फुलडा बिन मोरी माय ॥२ ||
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