ना कोई शाला, ना कोई कॉलेज में
सबसे अधिक ज्ञान का प्रभाव, माँ के गर्भ में ।
कितनाही पढ ले किताब को, चिंतन करे मनमें
सबसे बढके ज्ञान है, नौ महिने माँ के गर्भ में।
सत्संग करे संतों का, कितना करे ध्यान जप में
सबसे अधिक वैराग्य होता है माँ के गर्भ में।
मिट्टी को मनचाहा आकार देता है कुंम्हार
'संस्कारों' से माँ बना देती है जीवन साकार।
जो एक संस्कार भी ना कर सकते जीवन में
मुरझायी हुई कली को खिला सकती है माँ जीवन में ।
नौ महिने तक माँ गर्भ में देती है जो संस्कार
वो बालक के जीवन में होता है साकार ।
नारी शक्ती कोई कम नही सबसे अधिक मानी
क्या मालूम किस गर्भ में आ जाये शिवाजी और झाँसी की रानी।
धन्य धन्य है उस मातृशक्ती को नमन करता जग सारा
वंदन करता, पुजन कर शीश नवाता संसार हमारा ।
संकलन कर्ती : रिंकू ताई
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