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Monday, 10 March 2025

जो वहा जाता

शाम की कोई खबर लाता नहीं, 
जो वहा जाता यहा आता नही ॥धृ ॥

मन मेरा कहता के जोगन मै बनू 
दर बदर मुझसे फिरा जाता नही ।।

जो वहां जाता यहां आता नहीं ।। १ ।।

मन मेरा कहता के पंछी मै बनू, 
पंख बिन मुझसे उडा जाता नही ।

जो वहा जाता यहा आता नही ।।२ ॥

मन मेरा कहता के मै विष वा मरु, 
बिन खता मुझसे मरा जाता नहीं।

जो वहा जाता यहां आता नही ।

मन मेरा कहता के तुमको खत लिखू, 
बिन कलम मुझसे लिखा जाता नहीं।

जो वहा जाता यहां आता नहीं।

क्यो गये हो शाम मुझको छोडके, 
बिन तुम्हारे अब रहा जाता नहीं।

जो वहां जाता यहां आता नहीं।

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