Followers

Sunday, 13 August 2023

आमुक्ति का करिश्मा: अरमान: भाग ८

     


कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|


आगे सीमा थोड़ी दुखी होकर बोली, “करिश्मा को भी मुझ से कोई दिक्कत नहीं थी, बस वो चाहती थी की मैं मूर्तिपूजा के साथ-साथ उनके मजहब के रिवाज और इबादत सिखु| इसके लिए हर रोज शाम को वो मुझे ये सब सिखाने के लिए कही बाहर मिलने बुलाती थी| उसदिन भी उसने मुझे मजार पर चादर चढ़ाना और दुआ मांगना सिखाया था| बस उसके बाद मैं माँ को सबकुछ बताने ही वाली थी की मैं बेहोश हो गयी| उसके बाद का तो आपको सब पता ही हैं न मासी|”

रोते-रोते आगे सीमा ने कहा, “मैं ही प्यार में इतनी अंधी हो गयी थी, की मैं समझ ही नहीं पायी, की मेरे साथ हो क्या रहा हैं?” 


लेखिका: रिंकू ताई

कृपया, पूरी कथा पढ़ने के लिए अनुक्रम पर जाए|


 

No comments:

Post a Comment

सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...