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किरण ने उर्मिला और
नागनाथ को शांत करते हुए कहा, “देखो सीमा अरमान जिस मजहब को मानता हैं, उस में
मौसेरी बहन के साथ शादी जायज हैं, इसीलिए हो सकता हो की करिश्मा अरमान की बीवी हो|
अरमान का तुमपर प्यार उसे मंजूर न हो, इसीलिए वो तुम्हे रस्ते से हटाने के लिए
अपने साथ एर्नाद ले गयी हो| या और भी वजह हो सकती हैं, जैसे तुम्हारा धर्मपरिवर्तन!
क्योंकी उसके मजहब के हिसाब से वो गैर-मजहबी लड़की से शादी नहीं कर सकता| अब तुम ही
बताओ करिश्मा तुम्हारे साथ क्या करने की कोशिश कर रही थी?”
किरण ने उर्मिला और
नागनाथ को कमरे से बाहर चलने का इशारा किया और तीनो चुपचाप निकल गए|
सीमा ने ये सब सुना और
वो चुप चाप बैठी रही| कई घंटो तक कई बाते याद कर रही थी| बार-बार अपने पेट को
प्यार से सहला रही थी| वो कमरे में अकेली ही थी| कभी उठती आईने में देखती, तो कभी
अपने बेड पर आकर बैठती, तो कभी खिड़की के बाहर देखती, तो कभी अपना मुह छिपा कर
सुबकती| ऐसा सबेरे से शाम तक चला|
लेखिका: रिंकू ताई
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