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Friday, 31 March 2023

दही रोटी

 भारत माता की जय!

आजका सुविचार 


राजस्थान में विवाह के समय कई गीत गाये जाते हैं. उनमे से एक हैं दही रोटी. दही रोटी खाने से पेट की कई बीमारियों का उपाय होता हैं. इसीलिए राजस्थान में बहु के हाथो सबको दही रोटी खिलाने का रिवाज हैं या यु कहे की वहा सालभर में कई बार दही रोटी का खाना किया जाता हैं क्यों की राजस्थान की तपती गर्मी में दही रोटी ठंडक भी देती हैं और पेट भी स्वस्थ रहता हैं. धुप के दिनों में आप भी दही रोटी खाइए और पेट के कई विकारों का उपाय करिए - भलेही आप दुनिया के किसी भी कोने में रहते हो!

तो गीत के बोल इस तरह हैं!

 

बीस बरस का पिवजी हमारापचीस बरस घरनार।

हमारी जोडी हिलतीजी मिलती ॥टेर॥

चांदार चांदन माथोजी न्हायोतो सूरज किरण गूथायो ॥१॥

डाबोजी खोलर नथणीजी पेरीडाबोजी खोलर गेणोजी पे-यो ॥२॥

पेटीजी खोलर कपडाजी पे-यातो पेरी कसुंबल साडी ॥३॥

रिमझिम करता महल पधा-यातो राजिंद मांग दही रोटी ॥४॥

घमघम करता हेटजी उत-याजाय भाभीजी जगायाजी ॥५॥

उठो भाभीजी थाका देवर हट लाग्याआदिका मांग दही रोटी ॥६॥

म्हार तो सार नही छ दिवराणीजाय बाईजी जगाओजी ॥७॥

उठो बाईजी थाका बिरा हट लाग्याआदिका मांग दही रोटी ॥८॥

म्हार तो सार नही छ भोजाईजाय माऊजी जगाओजी ॥९॥

उठो सासूजी थाका जाया हट लाग्याआदिका मांग दही रोटी ॥१०॥

फ्रीजम पडीए बव्हड दहिरी कुंडीडाबाम थंडी रोटी ॥११॥

रिमझिम करता मेहल पधा-याओ ल्यो राजीन्द दही रोटी ॥१२॥

भाभीजीर छान ल्याई दही रोटीबाईजीर छान ल्याई दही रोटी ॥१३॥

सासुजीर छान ल्याई दही रोटीतो मोरासु निवालो भरावोजी ॥१४॥


अगर आपको ये गीत पसंद आया हो तो इसे शेयर करिये और पढ़ते पढ़ते ताल में गुनगुनाया हो तो कमेंट में अपनी भावनाए जरुर लिखिए!

धन्यवाद!




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