भारत माता की जय!
मेरे ब्लॉग पर आये हो तो एक बार भारत माता की जय कमेंट करिए! देखू तो जरा कोन कोन भारत से मेरे ब्लॉग को पढ़ रहा हैं! और हा मेरे ब्लॉग को देश्भाक्तिमय बनाइए|
दलिया हर किसी के घर में बनता हैं| शरीर के लिए भी अच्छा होता है क्यों की पचने में हल्का होता हैं| अगर आप हफ्ते में एक बार दलिया बनाकर खायेंगे तो स्वस्थ रहोंगे| एक जमाना था जब माँ घर में ही दलिया पिसा करती थी| हफ्ते में एक बार शाम को सबको खाना पड़ता था| फिर रेडी मेड के ज़माने में दलिया कही गायब हो गया और चक्की पिसना हमने सिखा ही नहीं तो दलिया कही गायब सा हो गया| कोई बात नहीं अब तो दलिया हर ब्रांड का मिलने लगा हैं| तो हर हफ्ते शौक से खाइए और सभीको खिलाइए|
दलिया कैसा भी हो वो हर तरह से शरीर के लिए अच्छा है| आम तौर पर बीमार लोगों को दलिया खिलाया जाता है| लेकिन दलिया बीमारों का ही भोजन है यह सोचना गलत है। दलिया खाने के कुछ फायदे जानने के बाद आप इसे शौक से खाना पसंद करेंगे -
1 दलिया खाने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है
कि इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर कार्य करता है और फाइबर से भरपूर होने के कारण पेट
संबंधी समस्याओं का सरलता से निराकरण करने में मददगार साबित होता है।
2 दलिया एक पौष्टिक भोजन है जो पोषण की सभी
आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। खास तौर से जब यह मिश्रित अनाज से बना हो। अगर आप
भारी भरकम या अधिक भोजन करने से बचते हैं, तो दलिया
आपके लिए अनिवार्य तत्वों की पूर्ति करता है।
3 वजन कम करने वालों के लिए रात के खाने में
सिर्फ दलिये का सेवन काफी फायदेमंद है। एक कटोरी पतला दलिया आपकी भूख भी मिटाएगा, पाचन भी
दुरुस्त करेगा और फाइबर से भरपूर होने के कारण वजन कम करने में भी मददगार होगा।
4 डायबिटीज रोगियों के लिए दलिया बेहद
फायदेमंद होता है। यह मैंगनीज का एक बेहतरीन स्त्रोत है, जो
डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मददगार साबित होता है।
5 फैट फ्री या अत्यधिक कम कैलोरी वाला दलिया
आपके लिए ऊर्जा का एक बेहतरीन स्त्रोत है। यह किसी भी मसालेदार स्वादिष्ट खाने की
अपेक्षा दुगुनी ऊर्जा प्रदान करता है, और कोलेस्ट्रॉल
के जमाव को कम करने में मदद करता है।
जो महिलाए अभी अभी माता बनी हैं और अपने नवजात को स्तनपान कराती हैं उन्होंने ने तो सेंखे हुए उड़द के पापड़ के साथ दलिया खाना चाहिए| दलिया पर गाय का घी परोसना न भूले| इससे पेट भी साफ़ रहेंगा और नवजात को जो स्तनपान कराया जा रहा हैं उसकी गुणवत्ता भी सही होंगी| ये मेरा खुद का अनुभव हैं, पसंद नहीं आता था फिर भी जब तक मैं स्तनपान कराती थी तबतक हफ्ते में तिन बार मैंने दलिया घी और कढ़ी के साथ खाया था - एक बार भी पेट की शिकायत नहीं हुई और बच्चे को भी कभी पेट की शिकायत नहीं हुई|
यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद! आपने दलिया कब और क्यों खाया एक बार जरुर कमेंट करना| देसी उपाय हैं हमें ही चर्चा कर इसके बारे में सबको बताना पड़ेगा और कमेंट सेक्शन होता ही हैं चर्चा करने के लिए|
जय श्री राम!
No comments:
Post a Comment