बालाजी
तुम बालाजी पेचा पेरो, तुम बालाजी पेचा पेरो
तुरलो होयकर रहूंगीजी बालाजी,
बालाजी गिरवर धारीजी म्हे तुमारी दासी
हंस बोलो कुंजबिहारीजी म्हे तुमारी दासी ॥धु॥
तुम बालाजी कुंडल पेरो मोती होयकर रहूंगीजी बालाजी
बालाजी गिरवरधारीजी म्हे तुम्हारी दासी
तुरला होय पेचामे रहूंगी, मोती होय कुंडल में रहूंगी
कहियन जाबा देऊंगीजी बालाजी ।। बालाजी गिरवर, १ ।।
तुम बालाजी जामा पेरो, तुम बालाजी सुतन पेरो
गोटा होयकर रहूंगीजी बालाजी, बालाजी गिरवरधारीजी
म्हे तुम्हारी दासी, गोटा होय जामापे रहूंगी
नाडो होय सुतनमे रहूंगी, कहियन जाबा देऊंगीजी बालाजी ॥२ ।।
तुम बालाजी कंठी पेरो, तुम बालाजी पैची पेरो
फासा होयकर रहूंगीजी बालाजी, छल्ला होयकर रहूंगीजी बालाजी
बालाजी गिरवरधारीजी म्हे तुम्हारी दासी,
फासा होय गळामें रहूंगी, छल्ला होय बोटामे रहूंगी
कहियन जाबा देऊंगीजी बालाजी || बालाजी३ ।।
तुम बालाजी मोचड्या पेरो, तुम बालाजी मोचड्या पेरो
मेंदी होय कर रहूंगीजी बालाजी बालाजी गिरवरधारीजी
म्हे तुम्हारी दासी मुचड्या होय पावामें रहूंगी मेंदि होय हातामे रहूंगी
कहियन जाबा देऊंगीजी बालाजी || बालाजी ४ ।।
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