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Sunday, 23 March 2025

हर आयो हर आयो, काशी जी रो बासी आयो ।


तालोटो १ (बिंदराजा तोरण पे आये तब गाते है)
हर आयो हर आयो, काशी जी रो बासी आयो ।
घोडी चढ गोविंद आयो, राणी रुखमण रे मन भायो ।
हर लाडला तू आयो, सासूजी ने घणो सुहायो । 
हर गोविन्दा दूँ आयो, बाई... रे मन भायो ।
हरि कच्छ मच्छ अवतारयो, शिवशंकर रूप निहारयो । 
हरि रामचन्द्र अवतारयो, लंकापति रावण मारयो ।
हरि कृष्ण रूप अवतारयो, मथुरा में कंस पछाड्यो ।
थे नीका कृष्ण जी नीका, गोकल में तोडया छींका ।
आ बीस बरस री बाई मूंधड़ा रे हुई सगाई । 
राजेंद्रजी रे जाई बाई गिलड़ा रे बटॅत बधाई ।
चंदन री चौकी मंगावो, राईवर रे हेठ बिछावो ।
ओ तोरण हींरो जडियों, जद बडे ठिकोणे चढियों ।
बोटी री डाळी मंगावो, कँवर जी सूं तोरण बोनावो ।
मामाजी ने बैगा बुलाओ, बायरला फेरा दरावो । 
बाई रिम झिम करती आई, नजरयों सूं नजर मिलाई 
फूलों री माला मंगाओ, कंवरजी ने वरमाला पैराओ ।
ओ बेलण झालरो झारी, पोखण री करो तैय्यारी । 
सासूजी ने बैग बुलावो, कैवर जी ने पोख ले जावो । सासूजी के हैं आऊँ कैवरजी ने पोख ले जावो । 
आ पोखे रोहिणी बाई, मोत्यों सूं थाळ भराई ।
बाँध्योडा दही मंगावी, राईबर रे शीश लगावो । 
चांदी रो रुपियो, मंगावो, कैंवर जी रे शीश लगावो । 
जोशी जी ने बैग बुलावो, कंवर जी ने मायों में ले जावो । 
जोशी जी के हूं आऊँ, बाई रो हर हथलेवो जुडाऊँ ।
थे आवो कंवर जी चवरी, थोने देसो सुंदर कंवरी । 
थे पीवो ठंडो पाणी, जद बोलो अमृत बोणी । 
थे ऊंडी फेरी माला, जद मिलिया आशीष जी साला । 
थे गणपत ने भल लाया, म्हारा कारज सिध्द कराया ।
तोरण बीच तणीया तागा, जद जोनी आया नागा । 
थोने केशरीया रंगाय देवू बागा, जणे जोनी पेरण लागा । 
थे सांझ पडी रा ढुक्या, जणे जोनी पेरण लागा । 
थोने घेवर छटाय देवू ताजा, जणे जोनी जीमण लाग्या ।
थोरे गले वैजयन्ती माला, थे दीसो नंद जी रा लाला । 
थे जीमो कृष्ण जी खाजा, थोरो बाप दिल्ली रो राजा । थे जीमो कृष्ण री लपसी, थोरे सदाशिव तपसी । 
थे जीमो कृष्ण जी लाडू, थोरे लारे पोंचू पांडू ।
थे जीमो कृष्ण जी सीरो, थोरे लारे हलधर बीरो । 
आ कुन्ती भूवा थोरीं, जीयो करण कंवारी । 
आ द्रोपदी भावज थोंरी, अर्जुन रे संग पधारी । 
थे कमलजी रा छावा राजेंद्रजी ने घणा सुहाया ।

नोट
मूंधड़ा की जगह वर का कुलनाम (सरनेम) कहना।
राजेंद्रजी की जगह वधू के पिताजी का नाम कहना।
गिलड़ा की जगह वधू का कुलनाम कहना।
रोहिणी की जगह वधू का नाम कहना।
आशीष की जगह वधू के भाई का नाम कहना।
कमलजी की जगह वर के पिताजी का नाम कहना।

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