Followers

Sunday, 23 March 2025

आशीष

दोय डुंगरा बिच बेल पसरी, बिरारे आंगण आंबो मोळीयो । 
थेतो सुनजो ओ म्हारा सिमरत साहेबा, नणंद पाडोसन मती राखजो ।
एतो सोईजी देवे ने सोई जी मांगे, उठ प्रभाते म्हासुं कळो करे।
एतो थाका बेठनरा सायबा धुडलाजी मांगे, म्हारी ओठणरी बाला चुंदडी ।
तूतो गेली ये गोरी बोलन जाणे, साव गमायो थारा जिभरो ।
म्हेतो आमाजी सामा मेल चुणावू, अदबिच राखूं बाईरो बारणो। 
म्हेतो दातन तोडू ने हेलो जी पाडू, झारीभर लावे म्हारा भाणजा ।
म्हेतो जिमणे बेठू ने हेलो जी पाडू, आय परोसे म्हारी बेनडी ।
एतो एवड चेवड म्हारा भाई रे भतिजा, अदबिच सोवे म्हारा भाणजा।
भतिजा ओ देखकर म्हारो कलेजो बिलसे, भाणजा देखकर म्हारो मन हसे । 
इणरेजी आंगण थारा बिराजी उभा, देवो म्हारी बेन आसिसडी।
थेतो बधजोओ बिरा बडने पिपळजू, फळजो नारेळारा रूख जू ।
थेतो सात ए भावज पूतज जणजो, एकज जणजो सुगणी धिवडी ।
थारा धिवडलीने परदेश दिजो, ज्या चित्त आवे भोळी नणंदडी।
थेतो सुन सुन ओ बाबाजीरा छावा, बेनडेरो बोल बडो कियो।
तू तो सुन सुन ओ सजनारी ए जाई, बंस बधायो म्हारा बापरो।

No comments:

Post a Comment

ए आय संग बाते: #काला_कानून_वापस_लो

#काला_कानून_वापस_लो ये क्यों ट्रेंड हो रहा है? @ grok यह हैशटैग हाल के सुप्रीम कोर्ट फैसले के विरोध में...