राधेश्याम नाम का किसान था। वह अपने खेत में हल चला रहा था। उसका बेटा केवल्य भी वहीं था। उसको खेत में एक हीरा मिला। वह चम-चम चमक रहा था। चमक उसे बहुत अच्छी लगी। वह उसे लेकर खेलने लगा
कुछ देर बाद केवल्य हीरा लेकर घर पहुंचा। मां को दिखाया। फिर साथियों को दिखाने घर से निकल पड़ा। साथियों ने चमकीले पत्थर को देखा तो वे माँगने लगे। उसने उन्हें दिया नहीं।
केवल्य के मित्र आनंद को वह हीरा बहुत अच्छा लग रहा था। वह रोते-रोते घर गया। उसने अपने पिताजी से कहा-मुझे हीरा चाहिए।”
उसके पिताजी ने पूछा- “हीरा क्या चीज है?”
आनंद ने अपने पिता से कहा-“मैंने केवल्य के पास देखा है। वह बहुत चमकता है। उसकी चमक बहुत अच्छी लगती है। आप वह किसी तरह उस केवल्य से ले लीजिये ।”
आनंद के पिता केवल्य के पिता के पास पहुंचे और पचास रुपये देकर वह हीरा ले आया। केवल्य बहुत रोया, लेकिन पैसे के लोभ में उसके पिता हीरा बेचने के लिए मजबूर हो गया था।
कुछ दिनों के बाद आनंद पड़ोसी लड़के को वह हीरा पसन्द आ गया। वह हीरे के लिए रोने लगा। उसके माँ-बाप धनवान थे। पाँच सौ रुपये देकर उन्होंने हीरा खरीद लिया।
इस तरह उस हीरे का मूल्य बढ़ता गया। बढ़ते-बढ़ते उस हीरे का मूल्य एक लाख सुवर्ण मुद्राए हो गया।
लेकिन क्या जिस आदमी ने उस हीरे को एक लाख सुवर्ण मुद्राओं में खरीद लिया उसका एक समय भी उससे पेट भर सकता है? फिर दुनिया वाले ऐसे पत्थरों के पीछे क्यों पागल बनें?
पेट तो भरता है अनाज से, दूध से, घी से और मक्खन से फिर इन खाने की चीजों से बढ़कर दूसरा कोई हीरा नहीं हो सकता।
मित्रों“ संसार में सबसे अच्छी वस्तु भोजन सामग्री है। क्योंकि उससे पेट भरा जा सकता है जबकि हीरा मात्र एक पत्थर, उसे देखकर प्रसन्न तो हुआ जा सकता है लेकिन पेट नहीं भरा जा सकता। अतः हमें यदि पहली आवश्यकता भोजन की है तो हीरे में पैसे न गंवाकर पहले अनाज और भोजन सामग्री उगाने के लिये पेड़-पौधे और फसल उगानी चाहिये।”
🌹🙏🏻🚩 *जय सियाराम* 🚩🙏🏻🌹
🚩🙏🏻 *जय श्री महाकाल* 🙏🏻🚩
🌹🙏🏻 *जय श्री पेड़ा हनुमान* 🙏🏻🌹
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साभार: तिवारीजी
महंगाई के इस दौर में आपको घर में सब्जियाँ उगाने के लिए कोई नहीं कहेगा पर हा हाय कितना महंगा हो गया हैं ये रोना रोकर आपको भ्रमित किया जायेगा| अगर आपको लगता हैं की सब्जियाँ मेहंगी हैं तो घर में लगाना शुरू कर दीजिये दोनों काम होंगे प्राणवायु भी मिलेगा और ताज़ी सब्जी भी मिलेगी|
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