भारत माता की जय!
आयुर्वेद से कुछ अद्भुत तथ्य आपके लिए यहाँ लिखे हैं| प्राचीन भारत के लोगो का ज्ञान कितना आधुनिक था ये इसीसे पता चलता हैं|
1) आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना
गया हैं और मेडिकल साइंस भी शहद को सर्वोत्तम पौष्टिक और एंटीबायोटिक भंडार मानती
हैं लेकिन आश्चर्य इस बात का हैं कि शहद की एक बूंद भी अगर कुत्ता चाट ले तो वह मर
जाता हैं यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्ते के लिये जहर है!!!
2) देशीघी शुद्ध देशी गाय के घी को आयुर्वेद अमृत मानता हैं और मेडिकल साइंस भी इसे औषधीय गुणों का भंडार कहता हैं पर आश्चर्य ये हैं कि मक्खी घी नहीं खा सकती अगर गलती से देशी घी पर मक्खी बैठ भी जाये तो अगले पल वह मर जाती है। इस अमृत समान घी को चखना भी मक्खी के भाग्य में नहीं होता!
3) मिश्री इसे भी अमृत के समान मीठा माना गया हैं आयुर्वेद में हाथ से बनी मिश्री को श्रेष्ठ मिष्ठान्न बताया गया हैं और मेडिकल साइंस हाथ से बनी मिश्री को सर्वोत्तम एंटबायोटिक मानता है लेकिन आश्चर्य हैं कि अगर खर (गधे) को एक डली मिश्री खिला दी जाए तो कुछ समय पश्चात ही उसके प्राण पखेरू उड़ जाएंगे! ये अमृत समान श्रेष्ठ मिष्ठान मिश्री गधा नहीं खा सकता हैं !!!
4) नीम के पेड़ पर लगने वाली पकी हुई निम्बोली में सब रोगों को हरने वाले औषधीय गुण होते हैं और आयुर्वेद उसे सर्वोत्तम औषधि ही कहता हैं मेडिकल साइंस भी नीम के बारे में क्या राय रखता है। आप जानते होंगे! लेकिन आश्चर्य ये हैं कि रात दिन नीम के पेड़ पर रहने वाला कौवा अगर गलती से निम्बोली को चख भी ले तो उसका गला खराब हो जाता हैं अगर निम्बोली खा ले तो कौवे की मृत्यु निश्चित है!!!
इस धरती पर ऐसा बहुत कुछ हैं जो अमृत समान हैं, अमृततुल्य है औषधीय है, पर इस धरती पर कुछ ऐसे जीव भी हैं जिनके भाग्य में वह अमृत भी नहीं हैं !!
भारतीय प्राचीन ज्ञान इतना आधुनिक था लेकिन फिर भी कुछ झूठे लोग इतिहास की कई असत्य कहानिया बनाकर भारत की छवि धूमिल कर रहे हैं ये भांड अनेक कुरीतियों को प्राचीन भारत से जोड़ कर समाज को भ्रमित कर रहे हैं| अगर आपको ऐसे लोग पता हो जो भारत की गरिमा को ठेस पोहोचा रहे हैं तो उनके नाम निचे कमेंट करिए| यहाँ तक पढने के लिए धन्यवाद!
जय श्री राम!
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