भारत माता की जय!
समय जैसे जैसे बिताता हैं वैसे वैसे कई घटनाएं होती रहती है| कुछ बुरी, कुछ अच्छी, तो कुछ परोपकार से भरी अति उत्तम घटनाएं| बस ऐसी ही उत्तम घटना आपके पढने के लिए यहाँ दी गयी हैं| इसे अपने परिवार के बालक बालिकाओ के साथ पढ़े|
घटना गाँव तोरुर की है. वहा एक धनि साहूकार रहता था. उन्होंने एक हाथी को पाल रखा था. एक दिन वह उन्मत हो उठा. उसने अपने मालिक नारायण नायर को उठा के पटक दिया. नारायण ने उसको शांत करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह शांत नहीं हुआ. और इस बार हाथी ने उसे पटका और उसकी पीठ में अपने नोकीले दात घुसा दिये जिसके कारन वह बेहोश हो गए और इतनी हलचल होने के कारन आस पास के लोग भी वहा आ पहुचे और उन्होंने उस हाथी को शांत कर दिया. फिर सब लोगो ने नारायण नायर को अस्पताल में पहुचाया और जब वैद्यो ने इलाज किया तो पता चला की टाके से उसकी पीठ को नहीं ढका जा सकता है, इसके लिए हमें एक इंसान का डेढ़ पौन मॉस लगेंगा. रोगी के परिचित घरवाले कोई भी इस काम के लिए राजी नहीं थे, लेकिन जब यह बात एक वैद्य जो की बहुत अछे संस्कारो का था उसे पता चला तो वह इस काम के लिए राजी हो गया. फिर नारायण नायर को टाके लगे, और तब कहा जा के उसकी जान बची. मनुष्यता का दुसरा नाम ही परोपकार है.अगर हम अपने तन, मन, धन में से थोडासा देश को ठीक करने में लगाए तो, तो हमारे लिए अच्छा होता है नहीं तो फिर इन पैसे के पीछे भागने वाले समाज सेवक के साथ रहकर अपने पैसे और जाया होंगा.
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