भारत माता की जय!
सुविचार पढ़ने से मन को शांति भी मिलती है और समस्या का समाधान भी मिलता हैं तथा कर्म करने की उत्तम उर्जा मिलती हैं इसी लिए आपके लिए लाये हैं ५ सुविचार!
मज़बूरी में
लिये गए पैसे सूत समेत लौटाना भी बरकत की निशानी है। अपने को गरीब या छोटा इंसान
बताकर रोते रहने से भी ग़लत असर पड़ता है। खर्च इतना न करो के फिर कुछ खर्च न कर सको
और बचत इतनी भी ना करो के पीछे उसका उपयोग ही ना हो। वैसे खर्चे कम करने से अच्छा
अपनी आय बढ़ानी चाइये। और आय उतनी बढ़ानी चाइये जिससे परिवार जुड़ा रहे। जो आनंद अपनी
छोटी पहचान बनाने में है, वो किसी बड़े
की परछाई बनने में नही।
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उपलब्धि और आलोचना एक दूसरे का पूरक हैं। उपलब्धियाँ बढ़ेगी तो निश्चित ही आप की आलोचना भी बढ़ेगी। आलोचना कमियों से परिचित कराती है
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हँसी वह तेल है, जिसके बिना जीवन रूपी यंत्र बिगड़ जाता है !
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कर्मों की
आवाज़ शब्दों से भी
ऊँची होती है
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दूसरों को नसीहत
देना तथा आलोचना
करना सबसे आसान काम
है। सबसे मुश्किल काम है चुप रहना और आलोचना सुनना
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हा तो भाई क्या आप चुप रहकर दूसरों ने की हुई #आलोचना सुन सकते हो क्या?
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